मुरैना। एक 17 साल का बेटा हर समय मोबाइल (Mobile) पर लगा रहता था और उसकी मां (Mother) यह सोच कर शांत रहती थी कि बेटा (Son) बड़ा हो गया है, अपने मतलब की चीजें देखता होगा। लेकिन, वह फायर फ्री गेम (fire free game) खेलता था और इसी गेम ने उसकी जान (Life) ले ली। 17 साल के किशोर आदित्य माहौर (Aaditya Mahor) ने जान देने के संकेत अपनी मां को दिए थे, लेकिन वह नहीं समझ पाई। एक दिन पहले सोमवार को बेटे ने खाना खाते समय पूछा- मां छत से जो लोग गिरते हैं उन्हें कितनी चोट लगती है, मां को बेटे का सवाल समझ नहीं आया तो उसने कहा कि तू यह सब क्यों पूछ रहा है, तुझे नहीं मालूम, फिर वह कुछ नहीं बोला। आज बुधवार को उसी बेटे ने अपनी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल से छलांग लगा। जिससे उसकी मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार प्रदेश के मुरैना जिले में शहर से दूर प्रधानमंत्री आवास बने हुए हैं। यहां रहने वाले एक 17 साल के किशोर ने अपनी मल्टी की तीसरी मंजिल से कूद कर जान दे दी। उसके माता-पिता को यह बात तब पता लगी जब सुबह 5:00 बजे पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने उन्हें बताया कि तुम्हारा बेटा नीचे गिरा पड़ा हुआ है। परिजन उसे आनन-फानन में मुरैना जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे गंभीर हालत में ग्वालियर रेफर कर दिया, जहां उसकी मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार 17 साल का किशोर आदित्य माहौर बेंगलुरु में एक मिठाई की दुकान पर काम करता था। उसका पिता ब्रजेश माहौर भी वहीं काम करता था। आदित्य हर समय मोबाइल पर फायर फ्री गेम खेलता रहता था। जब भी वह अपने घर मुरैना आता तो फायर फ्री गेम खेलने में ही लगा रहता था। सोमवार को उसने खाना खाते समय अपनी मां से पूछा कि जब कोई व्यक्ति तीसरी मंजिल से कूदता है तो उसे कितनी चोट लगती है। बेटे का यह सवाल सुनकर उसकी मां ने उसे डांटा और कहा कि क्या फालतू बात करता रहता है, अब तू बड़ा हो गया है, काम पर जाता है। इस तरह की बातें क्यों करता है, इस पर बेटा चुप रहा, उसने कोई जवाब नहीं दिया। इसके अगले दिन ही वह अपनी मल्टी की तीसरी मंजिल से कूद गया। बेटे की मौत के बाद मां ने बताया कि वह हमेशा मोबाइल में फायर फ्री गेम खेलता रहता था।
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