भोपाल । मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या अब 21 पर पहुंच गई है। सरकार ने मुरैना कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक तथा एसडीओपी जौरा को प्रथम दृष्टया जिम्मेदार मानते हुये हटा दिया है। अभी भी 20 के लगभग बीमार लोग जीवन मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं। वहीं, चम्बल संभाग आयुक्त द्वारा गठित दल ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्थानीय पुलिस व आबकारी अधिकारियों की लापरवाही को उजागर किया है।
मुरैना जिले के दो गांवों में शराब के सेवन करने से अभी तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है और दो की हालत गंभीर बनी हुई है। प्रशासन द्वारा उपचारत लोगों की बेहतर व्यवस्थायें कराईं जा रहीं हैं। जिससे कि उनकी जान बचाई जा सके। मुरैना में इलाजरत 8 तथा ग्वालियर में 9 लोगों की हालत ठीक बताई जा रही है। उधर, अब तक मुरैना के दोनों गांवों में 17 लोगों का अंतिम संस्कार हो चुका है, अभी चार का अंतिम संस्कार होना शेष है, शराब से अस्वस्थ व बीमार लोगों की देख-रेख के लिये चार गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है। वहीं, प्रशासन का मानना है कि समाज का साथ लेकर ऐसे अपराधों पर रोक लगाने का काम किया जायेगा।
मुरैना चम्बल संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना तथा चम्बल पुलिस महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा एक साथ बुधवार को मुरैना जिला चिकित्सालय में पहुंचे और शराब के सेवन से पीडि़त बीमार मरीजों का हाल-चाल जाना। अधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग को बेहतर इलाज के निर्देश भी दिये हैं, दोनों अधिकारी इस दौरान शराबकाण्ड के एक आरोपित से पूछताछ के लिये अस्पताल के कैदी वार्ड में भी पहुंचे। पांच लोग अभी भी गंभीर हालत में हैं।
इसके अलावा मुरैना-ग्वालियर के चिकित्सालयों में 17 लोग इलाज ले रहे हैं। आबकारी विभाग व पुलिस ने दविश देकर छैरा गांव से शराब पकड़ी थी, साथ ही इस गांव समेत आसपास के ग्रामीण इस शराबकाण्ड में प्रभावित हुए हैं, फिलहाल 5 आरोपित अभी भी फरार हैं, जिन पर पुलिस ने दस-दस हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved