भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) विधानसभा का मानसून सत्र (Monsoon session of the Assembly) आज यानी 1 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 19 जुलाई तक चलेगा. इस सत्र में बजट (Budget in session) भी पेश किया जाएगा. इस सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी. मानसून सत्र में 4287 प्रश्न विधानसभा सचिवालय के पास पहुंच चुके हैं. विधायकों द्वारा इस बार सत्र में 1901 ऑफलाइन और 2386 ऑनलाइन सवाल लगाए गए. इसके साथ ही, 2108 सवाल तारांकित और 2179 सवाल अतारांकित लगाए गए. वहीं, ध्यान आकर्षण 163, स्थगन प्रस्ताव 1, अशासकीय संकल्प 27 और शून्य काल 43 सूचनाएं विधानसभा सचिवालय को मिली है।
एमपी विधानसभा के इस मॉनसून सत्र के दौरान सदन में पेपर लीक और नर्सिंग घोटाले का मुद्दा भी गूंजेगा. विपक्ष के विधायकों पूरी तरह से सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। सदन में विपक्ष पेपर लीक, नर्सिंग घोटाला, चुनाव के समय किए गए ऐलानों को पूरा न करने सहित महिला अत्याचारों जैसे मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की योजना बनाई गई है।
3 जुलाई को पेश होगा बजट
सत्र में कथित नर्सिंग कॉलेज घोटाले और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सहित कई मुद्दों पर कांग्रेस और सरकार के बीच टकराव देखने को मिल सकता है. अधिकारियों ने बताया कि सरकार 3 जुलाई को बजट पेश करेगी।
रविवार को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्य विधानसभा में सत्र की तैयारियों की समीक्षा की. अधिकारियों ने बताया कि यह 16वीं विधानसभा का तीसरा सत्र है. कांग्रेस द्वारा कथित नर्सिंग कॉलेज घोटाले और पिछले विधानसभा चुनावों में कृषि उपज पर एमएसपी के बीजेपी के वादे सहित कई मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।
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विपक्ष ने सोमवार को पूर्व चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के आवास पर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, जो अब सहकारिता विभाग संभाल रहे हैं. उन्होंने उन पर नर्सिंग कॉलेज घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है. कई नर्सिंग कॉलेजों के कामकाज में घोर अनियमितताओं से संबंधित कथित घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा की जा रही है।
कार्यवाही के सीधे प्रसारण की मांग
विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही का लोकसभा की तरह सीधा प्रसारण करने की मांग की है, जिससे मतदाता अपने प्रतिनिधियों की कार्यवाही देख सकें. सिंघार ने इस बात पर भी जोर दिया कि विधानसभा की सभी बैठकें तय समय पर होनी चाहिए और उन्हें समय से पहले स्थगित नहीं किया जाना चाहिए।
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