लखनऊ । जेल में बंद (Jailed) बाहुबली मुख्तार अंसारी (Bahubali Mukhtar Ansari) और उसके सहयोगी (His Associates) भीम सिंह (Bhim Singh) को एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने दस-दस साल की (Ten Years Each) सजा सुनाई (Sentenced) । अदालत ने पांच-पांच लाख रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है। एमपी-एमएलए कोर्ट के जज दुर्गेश ने 1996 में दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में मुख्तार अंसारी को दोषी माना।
गाजीपुर जिले के एक मुकदमे में गुरुवार को माफिया मुख्तार की पेशी ईडी कार्यालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कराई गई। अदालत मुख्तार के मुकदमे में फैसला सुनाया गया है। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के लिए बुधवार को ही जरूरी इंतजाम ईडी कार्यालय में किया गया था। 1996 में दर्ज गैंगस्टर मामले में 26 साल बाद कोर्ट ने गुरुवार को आरोपियों को दोषी करार दिया। इसके बाद सजा की घोषणा हुई। इस मामले में एमपी-एमएलए एडीजे कोर्ट चतुर्थ में 12 दिसंबर को गवाही पूरी हुई थी। जिरह और बहस पूरी होने के बाद फैसले के लिए गुरुवार की तिथि तय थी। फैसले को लेकर कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
मुख्तार अंसारी लंबे समय से जेल में ही बंद है। बुधवार को उसे बांदा जेल से प्रयागराज लाया गया था। जहां प्रयागराज कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उसे 10 दिन की रिमांड पर सौंप दिया। मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह पर 1991 में अवधेश राय हत्याकांड के बाद 1996 में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ था। लंबे समय तक ट्रायल नहीं होने से मामला टलता रहा। पिछले कुछ वर्षों से इस केस की सुनवाई इलाहाबाद की बेंच कर रही थी, लेकिन बाद में मुकदमा जिला सत्र न्यायायलय के एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट गाजीपुर ट्रांसफर कर दिया गया। गुरुवार को विशेष जज एडीजे दुर्गेश पांडेय ने गवाहों और साक्ष्य के आधार पर मुख्तार और भीम सिंह को दोषी पाया। इसके बाद सजा सुनाई गई।
ईडी की कस्टडी से मुख्तार अंसारी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया। इधर, दोषी करार दिए जाने के बाद भीम सिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। मालूम हो कि तीन अगस्त 1991 को वाराणसी के लहुराबीर स्थित आवास के गेट पर ही अवधेश राय की अंधाधुंध फायरिंग कर बदमाशों ने हत्या कर दी थी। भाई अजय राय ने माफिया मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह व राकेश न्यायिक समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। 1996 में मुख्तार और उसके सहयोगी पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें अवधेश राय के अलावा राजेंद्र सिंह हत्याकांड, चंदौली में कॉन्सटेबल रघुवंश सिंह हत्याकांड, गाजीपुर में वशिष्ठ तिवारी उर्फ माला गुरु हत्याकांड के साथ ही गाजीपुर में एडिशनल एसपी एवं अन्य पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला मामले में मुकदमा चार्ज किया गया था।
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