भोपाल। मध्यप्रदेश शासन के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Transport Minister Govind Singh Rajput) नए विवाद में फंस गए हैं। उन पर ससुराल से 50 एकड़ जमीन उपहार में लेने का आरोप है। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल (delegation) इस मुद्दे पर आयकर विभाग के दफ्तर पहुंचा और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर बेनामी संपत्ति (benami property) रखने का आरोप लगाया है। साथ ही इस मामले की जांच कर बेनामी संपत्ति को राजसात करने की मांग की है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख केके मिश्रा (Head of media department KK Mishra) के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने आयकर अधिकारियों से मुलाकात की। बेनामी प्रोहिबिशन विंग के डिप्टी कमिश्नर अवधबिहारी पवार को कथित बेनामी संपत्ति के दस्तावेज सौंपे हैं। इस मामले में गोविंद सिंह राजपूत का कोई बयान सामने नहीं आया है। मीडिया के सवालों पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
गोविंद सिंह राजपूत ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 2020 में कांग्रेस छोड़ी थी और भाजपा में शामिल हुए थे। तब कांग्रेस की सरकार गिरी थी और भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। राजपूत पर सागर जिले के ग्राम भापेल में 50 एकड़ जमीन खरीदने का आरोप लगा है। दस्तावेजों के मुताबिक गोविंद सिंह राजपूत की सास लाडकुंवर राजपूत पत्नी विश्वनाथ सिंह राजपूत निवासी गिरहानी, जिला सागर के नाम से रजिस्टर्ड सेल डीड बनी है। इसमें उन्होंने कल्पना सिंघई पत्नी स्वर्गीय सतीश कुमार सिंघई से जमीन खरीदने की बात सामने आई है। लाड़कुंवर राजपूत की उम्र 75 वर्ष है और वह एक गृहणी हैं। कांग्रेस का आरोप है कि यह जमीन गोविंद सिंह राजपूत ने ही अपनी सास के नाम पर खरीदी है। इसी तरह भापेल में ही सर्वे नंबर 1322/1/1,1322/2,1323/1/1 एवं 1323/2 नाप 6.1120 हैक्टेयर जमीन उनके साले एवं सास के नाम से सितंबर 2021 में खरीदी गई थी। बाद में यह जमीन एक साल के भीतर गोविंद सिंह राजपूत की पत्नी सविता सिंह को उपहार में दे दी गई।
कांग्रेस का आरोप है कि लाड़कुंवर राजपूत इस संपत्ति की बेनामीदार हैं (जैसा कि द प्रोहिबिशन ऑफ बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट 1988 के सेक्शन 2(10) में वर्णित है) एवं गोविंद सिंह राजपूत इसके बेनेफिशियल ओनर हैं (जैसा कि कानून के सेक्शन 2 (12) में वर्णित है)। इस जमीन को 29 अगस्त 2022 को रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड के माध्यम से गोविंद सिंह राजपूत ने अपने नाम ट्रांसफर करवा लिया। कांग्रेस का आरोप है कि गिफ्ट डीड से स्पष्ट है कि यह बेनामी लेनदेन है जो कि अपराध है।
रिटायर्ड आईएएस एमए खान की बेनामी संपत्तियों को आयकर विभाग ने राजसात किया था। उन्होंने भी अपने रिश्तेदारों के नाम से जमीन खरीदी थी। इसी तरह की कार्यवाही गोविंद सिंह राजपूत पर भी किए जाने की मांग की गई है। आरोप है कि गोविंद सिंह राजपूत के ससुराल पक्ष के लोग आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं है कि वे एक ही साल में ये जमीन खरीद कर गोविंद सिंह जी को उपहार में दे दें। राजपूत के ससुराल पक्ष के लोगों की आय के स्रोत इतने नहीं हैं कि वे ऐसी जमीन खरीद सकें। शिकायत में दिए सभी सबूतों एवं तथ्यों के मद्देनजर बेनामी संपत्तियां राजसात कर गोविंद सिंह राजपूत के साथ ही उनके सहयोगियों पर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
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