फ्रांस से आए प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने काम भी छोड़ा,वैकल्पिक ट्रैक को लेकर असहमति भी सामने आई
इंदौर। भोपाल (Bhopal) का मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) जहां 5 साल लेटलतीफी का शिकार हुआ, जिसकी स्वीकारोक्ति विभागीय मंत्री ने की और इसके लिए किसी अफसर को दोषी भी नहीं बताया गया। दूसरी तरफ इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट (Indore Metro Project) भी अब और अधिक लेटलतीफी का शिकार होने के साथ-साथ उसकी लागत भी बढ़ जाएगी, क्योंकि मध्य क्षेत्र से गुजरने वाले अंडरग्राउंड ट्रैक (underground track) को लेकर विरोधाभास की स्थिति बनी हुई है। यही कारण है कि अभी तीन-चार दिन पहले ही फ्रांस से आए प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने भी काम छोड़ दिया, जबकि पिछले तीन सालों से वे इंदौर-भोपाल का प्रोजेक्ट देख रहे थे। दूसरी तरफ वैकल्पिक रूट के लिए अब नए सिरे से सर्वे रिपोर्ट तैयार करने में भी मेट्रो कॉर्पोरेशन जुट गया है। कॉर्पोरेशन के ही बड़े अधिकारी ने अभी इंदौर रहकर विकल्पों के संबंध में जानकारी एकत्रित की है।
पिछले दिनों विभागीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा बुलाई बैठक में अंडरग्राउंड ट्रैक का जो अलाइनमेंट फिलहाल तय किया गया उसे बदलने की मांग जनप्रतिनिधियों ने की। हालांकि पूर्व में ये जनप्रतिनिधि इसी अंडरग्राउंड ट्रैक को मंजूरी दे चुके थे, जिसके चलते मेट्रो कॉर्पोरेशन ने एमजी रोड से लेकर राजवाड़ा, बड़ा गणपति होते हुए एयरपर्ट तक के 8 किलोमीटर से अधिक के अंडरग्राउंड ट्रैक के सर्वे के साथ-साथ टेंडरिंग की प्रक्रिया भी पूरी कर ली और ऐनवक्त पर टेंडर की मंजूरी रोकना पड़ी और अब बंगाली चौराहा से अंडरग्राउंड ट्रैक की मांग की जा रही है, जिसके चलते कॉर्पोरेशन को नए सिरे से सर्वे के साथ बढऩे वाली लागत की गणना भी करना होगी और फिर इसकी मंजूरी केन्द्र सरकार से लेना पड़ेगी, तब ही अंडरग्राउंड ट्रैक में चाहा जा रहा संशोधन हो सकेगा। दूसरी तरफ एक और जानकारी सामने आई कि जीसी कंसल्टेंट की तरफ से इंदौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में फ्रांस के विशेषज्ञ साइमन फ्यूरी ने जिम्मेदारी ले रखी थी और पिछले तीन सालों से वे ही मेट्रो प्रोजेक्ट का तकनीकी पक्ष देख रहे थे। सूत्रों का कहना है कि अभी पिछले दिनों भोपाल में हुई बैठक में साइमन फ्यूरी की कुछ तकरार मेट्रो कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के साथ हुई। उसके बाद उन्होंने अपनी नौकरी से ही इस्तीफा दे दिया और मुंबई में चल रहे प्रोजेक्ट से वे जुड़ गए। दूसरी तरफ कॉर्पोरेशन की ओर से प्रोजेक्ट डायरेक्टर अजय शर्मा इंदौर आए और दो-तीन दिनों से उन्होंने वैकल्पिक रूटों को लेकर सर्वे की प्रक्रिया पर चर्चा की है, वहीं संबंधित कम्पनी ने रोबोट से बंगाली चौराहा के बीच काम भी शुरू कर दिया है। अब देखना यह है कि अंडरग्राउंड ट्रैक का क्या रिजल्ट निकलता है।