विभाग के मुताबिक एक पश्चिमी विक्षोभ रविवार को उत्तर भारत में दाखिल हो सकता है। उसके प्रभाव से विदर्भ में एक प्रतिचक्रवात बनने के संकेत मिले हैं। इस सिस्टम के कारण 22 दिसंबर से हवाओं का रुख बदलेगा। हवा का रुख पूर्वी और उत्तर-पूर्वी होने लगेगा। इसके बाद न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे इजाफा होने लगेगा। इससे ठंड से कुछ राहत मिलने लगेगी।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने बताया कि इस वक्त उत्तर भारत में हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। लगातार तीन दिन से हवा का रुख उत्तरी बना रहने से प्रदेश के कुछ हिस्सों में रात का पारा तीन डिग्री सेल्सियस तक उतर आया है। आसमान साफ होने के कारण धूप से दिन में तो कुछ राहत मिलती है, लेकिन शाम ढलते ही सर्द हवाओं के कारण सिहरन बढ़ने लगती है। रविवार-सोमवार को भी ठंड के तेवर तीखे बने रहेंगे। इसके बाद दक्षिण और पश्चिमी मध्य प्रदेश में हवा का रुख पूर्वी और उत्तर-पूर्वी होने से तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी, लेकिन पूर्वी मप्र में ठंड के तेवर तीखे बने रहेंगे। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने पर विदर्भ में बना सिस्टम समाप्त हो जाएगा। इसके बाद एकबार फिर तापमान में गिरावट शुरू होने की संभावना है।
24 दिसंबर तक मप्र में शीतलहर
ग्वालियर, चंबल, रीवा और सागर संभाग में शीतलहर के साथ पूरे प्रदेश में कंपकंपी बढ़ रही है। मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी कर ठंड से बचने की सलाह दी है। राजधानी भोपाल में भी बीते 3 दिन में न्यूनतम तापमान में 7 डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। मौसम विभाग ने कहा है कि प्रदेश में 24 दिसंबर तक ठंड का प्रकोप जारी रह सकता है।
24 दिसंबर तक पाला पड़ने की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार 24 दिसंबर तक प्रदेश में ठंड का कहर जारी रहने का अनुमान है। इस दौरान कुछ इलाकों में पाला पड़ने की भी संभावना है। प्रदेश के कुछ और इलाके भी अगले कुछ दिनों में ठंड की चपेट में आ सकते हैं।
हिमालय की हवाएं मप्र के दक्षिण तक पहुंची
वर्तमान में प्रदेश में कोई वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं है, लेकिन उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड है और हवा का रुख भी उत्तरी है। इसी वजह से एमपी में आसमान साफ है और कोहरा भी नहीं है। वातावरण में नमी है और वातावरण शुष्क होने के चलते दिन और रात के तापमान में लगातार गिरावट आ रही है।
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