भोपाल। विधानसभा सचिवालय [Assembly Secretariat] ने दो सदस्यों के त्यागपत्र [resignation letter] स्वीकार कर लिए हैं। इसमें भाजपा [BJP] और विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देने वाले मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी [Maihar MLA Narayan Tripathi] और बड़वाह से कांग्रेस विधायक सचिन बिरला [Congress MLA from Barwah Sachin Birla] शामिल हैं। हालांकि, अब न तो सत्ता पर इसका कोई असर पड़ेगा और न ही कांग्रेस पर क्योंकि चुनाव हो चुके हैं और वर्तमान विधानसभा का कोई सत्र भी नहीं होना है। मध्यप्रदेश [Madhya Pradesh] में 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान हो चुका है। 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना [counting] की तैयारियां चल रही हैं।
मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी पार्टी लाइन से बाहर जाकर विंध्य अंचल में काम कर रहे थे। उन्होंने विंध्य विकास पार्टी नाम से अपने राजनीतिक दल का पंजीयन भी करा लिया। पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने भाजपा और विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। इसी तरह बड़वाह से कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने खंडवा लोकसभा के उपचुनाव के समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर दी थी। हालांकि, उन्होंने सदस्यता नहीं ली पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी फिर नहीं आए। कांग्रेस विधायक दल ने दो बार उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए आवेदन दिया पर उसे तकनीकी आधार पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अमान्य कर दिया था।
विधानसभा सचिवालय की फैसले के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इस बार के विधानसभा चुनाव में दोनों ही नेता चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं त्यागपत्र स्वीकार होने के बाद परिणाम आने तक दोनों ही विधानसभा क्षेत्र में अभी स्थान खाली रहेगा।
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