रायसेन (Raisen) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सरकारी नौकरी की कमी के चलते रायसेन जिले (Raisen District) के पढ़े-लिखे बेरोजगार (Unemployed) होटल चलाने को मजबूर हैं. रायसेन के युवक प्रभात चावला बीसीए (BCA), एमबीए (MBA) पास हैं. प्रभात चावला ने शुरूआत दौर में कई सरकारी भर्ती परीक्षा में भाग लिया था. क्वालीफाई होने के बाद भी जब इन्हें जॉब नहीं मिली तो परिवार का पालन पोषण करने की जिम्मेदारी के चलते उन्हें अब अपने शहर रायसेन में बस स्टैंड पर खाने की होटल चलाना पड़ रहा है. इनकी दुकान के वर्कर भी बेहद क्वालीफाईड हैं.
होटल के वर्कर भी पढ़े-लिखे
प्रभात के होटल में बावर्ची का काम करने वाले भगवान सिंह खुद कम्प्यूटर से एमसीए पास हैं. उन्होंने भी कई सरकारी नौकरियों में प्रयास किया, लेकिन सरकार की ढीली भर्ती प्रक्रिया की वजह से उनका नंबर नहीं लग पाया और वह अब उनकी उम्र ज्यादा हो गई. कई प्राइवेट कंपनियां भी अब इन जैसे पढ़े-लिखे बेरोजगारों के लिए कोई अवसर नहीं दे रही है, जिस कारण मजबूरी में अब उन्हें इस होटल में खाना पकाना पड़ रहा है. परिवार के भविष्य की चिंता के कारण अब यह बेरोजगार जो काम मिल रहा है उसमें ही संतुष्ट हैं. रायसेन जैसे छोटे शहर में ही प्रभात और भगवान सिंह जैसे कई हाई क्वालीफाई युवा बेरोजगारी के शिकार हो रहे हैं. योग्यता के अनुसार नौकरी नहीं मिलने के कारण यह अब खुद के छोटे-छोटे व्यवसाय करने को मजबूर हैं.
एक तरफ जहां राज्य की शिवराज सरकार युवाओं के लिए नये-नये योजनाओं को लागू कर रही है. ऐसे में रायसेन के ये इन युवाओं की स्थिति सरकारी व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रही है. वहीं राज्य सरकार ने बेरोजगारों को 8 हजार रुपये स्टाइपेंड के रूप में देने की घोषणा की. यह राशि प्राइवेट उद्योग या संस्थान में ट्रेनिंग लेने वाले बेरोजगार युवकों को दी जाएगी.
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