– सोनचिरैया आजीविका उत्सव में सपत्नीक पहुंचे शिवराज, स्थानीय कुम्हारों के बनाए दिए और दूसरे उत्पाद बड़ी कम्पनी से बेहतर
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि दीपावली (Diwali) के अवसर पर मिट्टी से बनाए गए दीपक और मूर्तियां खरीद कर हम माटी शिल्प से जुड़े होनहार, हुनरमंद कलाकारों का प्रमोशन करें। हम सभी का संकल्प हो कि हमें अन्य देशों से आए उत्पाद नहीं बल्कि इन कलाकारों द्वारा निर्मित वस्तुओं को खरीदें। इन वस्तुओं में हमारे कुम्हार भाइयों, स्व-सहायता समूह की बहनों और उनके परिवारों के सदस्यों के श्रम की खुशबू शामिल है। हम यह वस्तुएं खरीदते हैं तो पैसा ऐसी बहनों के खाते में जाता है जो जीविका के लिए संघर्ष कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमारे आदर्श हैं, जिन्होंने लोकल प्रोडक्ट क्रय करने का मंत्र दिया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस दीपावली पर हम चीन या किसी अन्य देश से आई दुर्गा जी की मूर्ति या विद्युत बल्ब खरीदने के स्थान पर अपने जीवन मूल्यों और परम्पराओं के अनुरूप त्यौहार पर अपने ही देश में तैयार वस्तुओं की खरीदी करें, ताकि हम सभी के साथ इन कलाकारों की दीवाली भी रोशन हो।
मुख्यमंत्री चौहान शुक्रवार शाम को भोपाल के शिवाजी नगर स्थित महिला हाट बाजार में गत 13 अक्टूबर से आयोजित 9 दिवसीय सोनचिरैया आजीविका उत्सव- 2021 को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत यह उत्सव लगाया गया है।
ये मेहनतकश हैं, इन्हें सहयोग करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सभी स्व-सहायता समूहों से जुड़ी बहनों को ढाई हजार करोड़ रुपये के बैंक लिंकेज का लाभ मिलेगा। इन्हें पूर्व में चार प्रतिशत के मामूली ब्याज पर सुविधा देने का प्रावधान किया गया था जिसे और घटाते हुए दो प्रतिशत किया जाएगा। समूहों के उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग का कार्य भी होगा। उन्होंने कहा कि मैं इस उत्सव में कलाकारों के प्रमोशन के लिए आया हूँ। इन समूहों का जो सामान यहाँ प्रदर्शित किया गया है वह सब बिक जाए, ऐसा प्रयास हमें करना है। ये बहनें मेहनतकश हैं, इन्हें सहयोग करें।
जेम पोर्टल और अन्य प्लेटफार्म से भी हो खरीदी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की खरीदी जेम पोर्टल और अन्य प्लेट फार्म पर भी हो। लोग इन्हें आर्ड दें, इसके लिए निरंतर प्रयास हों। इन समूहों को किसी तरह का टैक्स न लगे और तहबाजारी से भी छूट हो, इसकी व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। इस संबंध में स्थानीय निकाय भी सजग रहें और इन कलाकारों को स्थान उपलब्ध करवाते हुए इनके सम्मान का भी ध्यान रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि समूहों के उत्पादों की होम डिलेवरी व्यवस्था को भी पुख्ता बनाने के प्रयास होंगे।
चलो जलाएं दीप
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उत्सव में आकर सुखद अनुभव हुआ है। स्व-सहायता समूह की बेटियाँ और बहनें सुंदर उत्पाद बनाती हैं। चाहे मिट्टी के आभूषण हों, दिए हों, मूर्तियाँ हों, धातु की कला से बनी वस्तुएँ हों या लड्डू, दाल बाटी या खिचड़ी सभी अद्भुत हैं। उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण इन बहनों के लिए यह होना चाहिए कि “चलो जाएं दीप वहां, जहां अभी भी अंधेरा है”।
मुख्यमंत्री चौहान और उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह ने अनेक बहनों से सामग्री भी खरीदी। उन्होंने प्रत्येक स्टाल पर जाकर उत्पादों का अवलोकन किया। भोपाल के अलावा देवास, कटनी, सीहोर, छिन्दवाड़ा, उज्जैन, अशोकनगर, विदिशा, इंदौर, मंदसौर, राजगढ़ और झाबुआ के स्व-सहायता समूहों के स्टाल उत्सव में लगाए गए। स्व-सहायता समूह की बहनों ने मुख्यमंत्री को स्मृति-चिन्ह भेंट किया।
आयोजक विभाग नगरीय विकास एवं आवास के प्रमुख सचिव मनीष सिंह, आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव और कलेक्टर अविनाश लवानिया उपस्थित रहे। (एजेंसी, हि.स.)
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