बैतूल । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) में अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के शुभ मुहूर्त पर एक अनोखी शादी (wedding) देखने को मिली. यहां निराश्रित महिलाओं के आश्रम में एक दिव्यांग जोड़े की धूमधाम से शादी की गई. जोड़े ने इशारों में शादी की सभी रस्में निभाईं. मेहमानों ने नव दंपति को आशीर्वाद दिया. बैतूल में ये शादी शोभापुर कॉलोनी में हुई है.
ना वो बोल सकते और ना सुन सकते, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति को महसूस कर सकते हैं. इसका सबसे अच्छा उदाहरण बैतूल में देखने को मिला. यहां एक दिव्यांग युवक-युवती शादी के बंधन में बंधे. नव विवाहित जोड़े ने सात वचन से लेकर अन्य सभी रस्में इशारों में पूरी की.
खुशी से खिल उठे जोड़े के चेहरे
बता दें कि शोभापुर कॉलोनी में निराश्रित महिलाओं के लिए स्वाधार गृह संचालित हो रहे हैं. इसमें आठ साल से दिव्यांग मुन्नी उर्फ यशोदा रह रही थी. बीते रोज मुन्नी के हाथ पीले हो गए और स्वाधार गृह में शहनाई बज बज गई. मुन्नी की शादी नर्मदापुरम के माखन नगर निवासी मूक बधिर संजय बंजारा के साथ हुई है. शादी के बंधन में बंधने पर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. शादी की खुशी उनके चेहरे पर साफतौर पर देखी जा रही थी.
शादी में शामिल हुए दूल्हे के परिजन
शादी के ग्राम भारती महिला मंडल के अलावा महिला बाल विकास विभाग के कई पदाधिकारी साक्षी बने. दूल्हा संजय बंजारा की भी खुशी का ठिकाना नहीं था. शादी में दूल्हे की मां, मौसी, बहन, भाई समेत रिश्तेदार शामिल हुए.
मुन्नी के मां-बाप नहीं, संगठन ने किया पालन-पोषण
बताते हैं कि मुन्नी जनवरी 2016 में शोभापुर के स्वाधार गृह आई थी. उसके मां-बाप नहीं हैं. पिछले 8 साल से ग्राम भारती महिला मंडल की पदाधिकारी ही मुन्नी की देखरेख कर रही हैं. शादी के जब मुन्नी की विदाई की रस्म हुई तो ग्राम भारती महिला मंडल की संस्थापक भारतीय अग्रवाल नंदा सोनी समेत महिलाओं की आंखें भर आईं.
मुन्नी जन्म से बोल-सुन नहीं पाती
आश्रम की संस्थापक और अध्यक्ष भारती अग्रवाल का कहना है कि मुन्नी कहां की रहने वाली है, इसकी जानकारी नहीं है. उसके मां-बाप भी नहीं हैं और वह जन्म से बोल और सुन नहीं सकती है. ठीक इसी तरह का लड़का देखा गया और उसके परिवार से बातचीत करने के बाद शादी तय हुई. बीते रोज मूक बधिर संजय बंजारा से मुन्नी उर्फ यशोदा की शादी संपन्न की गई.
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