– मुख्यमंत्री ने की परिवहन विभाग के कार्यों की समीक्षा, कहा- ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाएं परिवहन सेवाएं
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि परिवहन विभाग के कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाया गया है, जो प्रशंसनीय है। सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को निरंतर बढ़ाया जाए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरत के अनुसार परिवहन सेवाएं बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके साथ मुख्यमंत्री ने भविष्य के लिए एक तर्कसंगत परिवहन नीति बनाने को कहा, जिससे परिवहन सेवाओं को ओर बेहतर बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को मंत्रालय में परिवहन विभाग के कार्यों समीक्षा कर रहे थे। बैठक में परिवहन और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और अपर मुख्य सचिव परिवहन एस.एन. मिश्रा उपस्थित थे। बैठक में जानकारी दी गई कि गत माह नई दिल्ली में आयोजित परिवहन मंत्रियों की बैठक में मध्यप्रदेश के परिवहन क्षेत्र में किए गए श्रेष्ठ कार्यों का उल्लेख किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सारथी पोर्टल के माध्यम से अनेक कार्यों को फेसलेस करने के प्रयास सराहनीय है। मुख्य रूप से चार फेसलेस सेवाओं लर्निंग लाइसेंस के निर्माण, डुप्लीकेट ड्राइविंग लायसेंस जारी करने, ड्राइविंग लाइसेंस की अवधि बढ़ाने और एड्रेस में परिवर्तन का उपयोग हो रहा है। इन फेसलेस सेवाओं का लाभ 14 लाख आवेदकों को प्राप्त हुआ है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अधिसूचित फेसलेस सेवाओं का वाहन/सारथी पार्टल के माध्यम से क्रियान्वयन किया जा रहा है। अभी सार्थक पोर्टल कार्यशील है। अगले दो माह में वाहन पोर्टल को भी एकजाई किया जाएगा। वर्ष 2022-23 में 14 सेवाओं को फेसलेस करने का लक्ष्य है।
चेक पोस्ट पर मानव रहित व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने विभिन्न चेक-पोस्ट पर मानव रहित व्यवस्था प्रारंभ करने के निर्देश दिए। आम लोगों को चेक पोस्ट पर होने वाली परेशानियों से बचाने में यह व्यवस्था महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक हजार महिलाओं को वाहन चालन प्रशिक्षण की लक्ष्य पूर्ति के लिए कार्य तेज किया जाए। वर्तमान में 337 महिलाओं को नि:शुल्क चालक प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
वैकल्पिक राजस्व वृद्धि के प्रयास
परिवहन विभाग द्वारा वैकल्पिक राजस्व में वृद्धि के लिए विभिन्न उपाय अपनाए जाएंगे। इनमें सार्वजनिक वाहनों पर विज्ञापन और करों के युक्तियुक्तकरण के कार्य शामिल हैं। साथ ही स्क्रैप पॉलिसी को मूर्त रूप देने, ई-व्हीकल के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी बनाने, एक्रेडिटेड ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स और निजी सेवा प्रदाताओं के माध्यम से वाहन फिटनेस सेंटर्स की स्थापना के कार्य किए जा रहे हैं। बैठक में ई-चालान व्यवस्था, इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट ॲथारिटी, हाई सिक्योरिटी प्लेट के उपयोग के संबंध में भी चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में राज्य परिवहन निगम की समाप्ति के पश्चात निगम की परिसम्पत्तियों की देखभाल आदि के लिए पदस्थ शेष कर्मचारियों की संख्या 51 है। कुल 208 अधिकारी-कर्मचारी विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए हैं।
यूजर चार्जेस मॉडल लागू
प्रजेंटेशन में बताया गया कि परिवहन विभाग की सेवाएं निजी सेवा प्रदाता के माध्यम से प्रदाय किए जाने की रणनीति में “यूजर चार्जेस मॉडल” लागू होने से पृथक बजट की आवश्यकता सामने नहीं आयी है। स्वरोजगार के लिए महिलाओं को विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं के सहयोग से ड्राइविंग कार्य में प्रशिक्षित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की घोषणाओं की पूर्ति में परिवहन विभाग सक्रिय है। सीएम मॉनिट के प्रकरणों में भी निराकरण कर लिया गया है।
चित्रकूट से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को नहीं लगेगा अनावश्यक शुल्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा पर श्रद्धालुओं के प्रमुख केन्द्र चित्रकूट में जहां अन्य सुविधाओं का विकास प्रस्तावित है, वहीं यहां आने वाले वाहनों को अनावश्यक शुल्क के प्रभार से बचाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। मेले और अन्य अवसरों पर लगने वाले टैक्स में कमी अथवा उसे समाप्त करने पर विचार कर शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा। (एजेंसी, हि.स.)
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