भोपाल: बीजा मंडल (Beja Mandal) मामले में ओवैसी के बयान के बाद अब जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नवल गिरी महाराज (Bija MandalMahamandleshwar Naval Giri Maharaj) की एंट्री हो गई है. ओवैसी को चुनौती देते हुए नवल गिरी महाराज ने कहा कि तुम्हारे लिए केवल नागा ही काफी हैं. बीजा मंडल हो या ताजमहल (Taj Mahal) सब हिंदुओं का. बांग्लादेश के हालातों पर कहा कि सरकार इशारा करे बस, नागाओं के साथ जाकर हिंदुओं की सुरक्षा करेंगे.
इसके आगे नवल गिरी महाराज ने वक्फ, जनसंख्या और गायों की हाईवे पर स्थिति पर भी मुख्यमंत्री से मांग की. महामंडलेश्वर ने ओवैसी को जवाब देते हुए कहा कि बीजामंडल हो या फिर ताजमहल सब मंदिर हैं. ओवैसी को खुला चैलेंज है. तुम्हारे लिए केवल नागा ही काफी हैं. भारत में कहीं मस्जिद नहीं थी. भारत पर मस्जिद केवल थोपे गए हैं.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को को लेकर महामंडलेश्वर ने कहा कि पूरे विश्व के हिंदुओं को एक हो जाना चाहिए. हम जातियों में बंट गए. इसलिए सिमट गए. बांग्लादेश में जो हो रहा है शांति से सब देख रहे हैं. अखाड़ा परिषद और नागा परिषद हिंदुओं की सुरक्षा के लिए तैयार है. सरकार हमें इशारा दे. हम बांग्लादेश में भी हिंदुओं की सुरक्षा करेंगे. वंदे मातरम और जय श्री राम बोलेगा वही भारत में रह सकता है. बांग्लादेश से जो मुसलमान भारत आ रहे हैं उन्हें घुसपैठिया बताया.
महामंडलेश्वर ने कहा वक्फ बोर्ड मुद्दे पर कहा, ‘ वक्फ बोर्ड सबसे ज्यादा संपत्ति पर कब्जा करके बैठा है. वक्फ संशोधन कानून से पता तो चलेगा कि कितनी संपत्ति पर कब्जा है. मोदी जी पर पूरी आशा है कि जनसंख्या को लेकर कानून बनेगा. हिंदुओं से अपील है कि अगर वो 4 करते हैं तो हम भी 4 पैदा करें.’ नवल गिरी महाराज ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से अपील करते हुए कहा कि एमपी में गौ की स्थिति दयनीय है. हाईवे पर गाय माता बैठी हैं. सरकार को सोचना चाहिए. सनातनी और हिंदूवादी सरकार है.
बीजा मंडल मंदिर को मस्जिद बताने वाले कलेक्टर हटाने की हुई कार्रवाई पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि कानून के पालन पर कलेक्टर का तबादला किया. मध्य प्रदेश में संघ के संगठनों ने मस्जिद में प्रार्थना करने की अनुमति मांगी. जिला कलेक्टर ने बताया कि यहां स्ट्रक्चर असी गजट में मस्जिद है और अनुमति देने से इनकार कर दिया. कानून का पालन करने पर कलेक्टर का तबादला किया गया. यह वक्फ संशोधन बिल का खतरा है अगर कोई यह कहता है कि मस्जिद मस्जिद नहीं है तो सरकार कलेक्टर को इसका पावर देना चाहती है. कलेक्टर को भीड़ की मांग माननी पड़ेगी, नहीं तो उसका ट्रांसफर कर दिया जाएगा. कोई भी सबूत पर्याप्त नहीं है.
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