भोपाल: कैश कांड में मध्य प्रदेश परिवहन विभाग (Transport Department) के पूर्व कॉन्सटेबल सौरभ शर्मा (Former constable Saurabh Sharma) के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी. भारत आने पर सीधे जांच एजेंसियां उसे गिरफ्तार कर लेगी. इनकम टैक्स विभाग ने लुकआउट नोटिस जारी करने की सिफारिश की थी. सौरभ शर्मा अभी फरार है.
एक इनोवा कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश बरामद किया गया था. लोकायुक्त पुलिस की छापेमारी के दौरान ये बरामदगी हुई थी. डीजीपी जयदीप प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया था कि सौरभ शर्मा के पिता आरके शर्मा एक सरकारी डॉक्टर थे और 2015 में उनकी मृत्यु हो गई. इसके बाद, सौरभ शर्मा को 2015 में अनुकंपा के आधार पर राज्य परिवहन विभाग में एक कांस्टेबल के रूप में नियुक्त किया गया और 2023 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली.
डीजीपी ने ये भी कहा कि पूर्व पुलिसकर्मी सौरभ शर्मा ने स्कूल और होटल स्थापित करने के लिए भ्रष्ट तरीकों से अर्जित धन का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि तलाशी के दौरान मिले बैंक विवरण और भूमि दस्तावेजों की जांच की जा रही है.
मध्य प्रदेश की राजधानी में परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा की काली कमाई के खुलासे से कई रसूखदार जांच के घेरे में आ सकते हैं. उधर कांग्रेस इस मसले को लेकर बीजेपी सरकार पर हमलावर नजर आ रही है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.
उन्होंने पीएम मोदी से परिवहन घोटाले की हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराने की मांग की है. कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि जांच में प्राप्त बेनामी संपत्तियां कुर्क की जाए और धनराशि शासकीय खजाने में जमा की जाए. उन्होंने जांच का दायरा बढ़ाने और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग की है.
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