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    मप्रः लोक अदालत आज, 1350 से अधिक न्यायिक खंडपीठों में रखे जाएंगे 5 लाख से अधिक मामले

  • December 11, 2021

    भोपाल। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं मध्य प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमथ तथा राज्य विधिक सेवा के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति शील नागू के मार्गदर्शन में शनिवार (11 दिसंबर) को प्रदेश में उच्च न्यायालय स्तर से लेकर जिला, तालुका, श्रम, कुटुम्ब न्यायालयों तथा अन्य न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा हैं। इसमें न्यायालयीन लंबित दीवानी एवं आपराधिक शमनीय मामलों एवं बैंक, विद्युत, श्रम, जलकर, संपत्तिकर आदि प्री-लिटिगेशन प्रकरणों सहित सभी प्रकार के मामले निराकरण के लिए रखे जाएंगे।

    मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव राजीव कर्महे ने शुक्रवार को बताया कि शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में संपूर्ण मध्यप्रदेश में लगभग 1350 से अधिक खंडपीठों का गठन गया है, जिनमें पांच लाख से अधिक प्रकरणों की सुनवाई होगी। इनमें लगभग 1 लाख 85 हजार से अधिक लंबित प्रकरण और 3 लाख 52 हजार से अधिक प्री-लिटिगेशन प्रकरण शामिल हैं।

    उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम के लंबित एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों तथा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत अधिरोपित संपत्ति कर एवं जलकर के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को नियमानुसार विभिन्न छूट प्रदान की जा रही है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव मनोज कुमार सिंह ने पक्षकारों से अधिक से अधिक संख्या में लाभ प्राप्त करने का अनुरोध है।

    नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण पर कोर्ट फीस पक्षकार को वापसी योग्य होती है। लोक अदालत में दोनों पक्षकारों की जीत होती है, किसी भी पक्ष की हार नहीं होती है। लोक अदालत में दोनों पक्षों की सहमति से मामला रखकर सौहार्दपूर्ण वातावरण में विवाद का निराकरण किया जाता है, जिससे पक्षकारों के अमूल्य समय तथा व्यय होने वाले धन की बचत होती है तथा पक्षकारों में परस्पर स्नेह भी बना रहता है। लोक अदालत में मामला अंतिम रूप से निराकृत होता है, इसके आदेश की कोई अपील अथवा रिवीजन नहीं होती है।

    राजीव कर्महे ने सभी से आह्वान किया कि ऐसे इच्छुक पक्षकारगण जो न्यायालय में लंबित एवं मुकदमेबाजी के पूर्व (प्रिलिटिगेशन प्रकरण) उपरोक्त प्रकार के चिन्हित किये गये प्रकरणों/विवादों का उचित समाधान कर आपसी सहमति से लोक अदालत में निराकरण कराना चाहते हैं, वे संबंधित न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सम्पर्क कर अपना मामला लोक अदालत में रखे जाने के लिए, अपनी सहमति एवं आवश्यक कार्यवाही 11 दिसंबर के पूर्व पूर्ण कराएं, ताकि मामला नेशनल लोक अदालत, 11 दिसंबर को विचार में लेकर निराकृत किया जा सके। (एजेंसी, हि.स.)

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