भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 23 मार्च, 2020 को चौथी बार पदभार ग्रहण करने के बाद महिला अपराध को रोकने के लिये कड़े कदम उठाए गए। सरकार की दृढ़ इच्छा-शक्ति के कारण एक अप्रैल, 2020 से 31 दिसम्बर, 2020 तक की अवधि में विगत अप्रैल-2019 से दिसम्बर-2019 तक की अवधि की तुलना में महिलाओं के विरुद्ध अपराध में उल्लेखनीय कमी आई है। इस तरह तुलनात्मक अवधि में 15.2 प्रतिशत की कमी आई है। अप्रैल-2019 से दिसम्बर-2019 के 9 माह की अवधि में कुल 24 हजार 187 मामले दर्ज किये गये, जबकि अप्रैल-2020 से दिसम्बर-2020 के 9 माह की अवधि में महिला अपराधों के 20 हजार 522 मामले ही दर्ज हुए।
जनसम्पर्क अधिकारी पंकज मित्तल ने बताया कि गृह विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2019 में महिला अपराध के प्रकरण 11.1 प्रतिशत थे, जबकि वर्ष 2020 में मात्र 9.3 प्रतिशत महिला अपराध के प्रकरण दर्ज हुए। इस अवधि में बलात्संग के प्रकरणों में 15.4 प्रतिशत की गिरावट आई। अपहरण एवं व्यपहरण के प्रकरणों में 16.8 प्रतिशत की गिरावट आई। छेड़छाड़ के प्रकरणों में भी 9.5, भ्रूण हत्या में 17.1 और मानव दुर्व्यापार के प्रकरणों में 15.7 प्रतिशत की गिरावट आई है।
उन्होंने बताया कि गृह विभाग द्वारा मार्च, जुलाई एवं सितम्बर में चलाये गये 3 अभियान में 3 हजार 337 बालिकाएँ दस्तयाब हुईं। राज्य की औसत बरामदगी का प्रतिशत 60.3 है। देवास का दस्तयाबी प्रतिशत 84.4 है, जो प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ दस्तयाबी प्रतिशत है। देवास पुलिस द्वारा जिन क्षेत्रों में लड़कियाँ कार्य कर रही हैं, उन क्षेत्रों में व्हाट्सअप ग्रुप बनाये गये हैं, जो न केवल नाबालिग लड़कियों की जानकारी देते हैं, अपितु अपह्रत होने पर दस्तयाबी में भी सहायक होते हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा महिला अपराधों में संलिप्त 06 अपराधियों के ड्रायविंग लायसेंस निरस्त कर दिये गये। 06 अपराधियों के विरुद्ध रासुका लगाई गई, 39 को जिला बदर किया गया, 45 हिस्ट्रीशीटरों के साथ ही 107 अन्य कार्यवाहियाँ भी अपराधियों के विरुद्ध की गई। आठ जिलों में यौन अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए 23 करोड़ रुपये की अवैध सम्पत्ति अपराधियों के कब्जे से मुक्त कराई गई।
महिला अपराध के प्रकरणों में 29 जून, 2020 को गजट नोटिफिकेशन द्वारा पीड़िता को चालान की नि:शुल्क प्रति दिया जाना सुनिश्चित किया गया है। बलात्संग के प्रकरणों में विवेचना अधिकारियों को 3 दिवस तक वाहन एवं वीडियोग्राफर किराये पर लिये जाने की अनुमति दी गई है। 15 हजार से अधिक अनुसंधानकर्ताओं को पॉक्सो/जे.जे. एक्ट में अनुसंधान के लिये प्रशिक्षित किया गया है। महिला अपराधों के प्रकरणों की प्रतिदिन मॉनीटरिंग की जाती है। प्रत्येक 15 दिवस में विवेचना की प्रगति की समीक्षा की जा रही है।
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