दमोह (Damoh) । आपने दादी-नानी की कहानियों में अकसर जमीन में गड़े हुए खजाने के बारे में जरूर सुना होगा। जिसे कोई मजूदर खेतों में या घर पर काम करने के दौरान हासिल करता है और फिर उसकी दुनिया ही बदल जाती है। अब तक आपने ऐसा कहानियों में सुना था लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह (Damoh) में बिल्कुल ऐसा ही घटनाक्रम असल जिंदगी में सामने आया। जब एक मजदूर घर में खुदाई (Damoh Treasure Found News) का काम कर रहा था। इसी दौरान अचानक उसे जमीन के अंदर से 240 चांदी के सिक्के (silver coins) मिले। इन सिक्कों पर साल 1886 की मुहर थी, जिससे पता चला कि ये सिक्के करीब 136 साल से जमीन के नीचे छिपाकर रखे हुए थे।
जमीन के नीचे से मिले 240 चांदी के सिक्के
जैसे मजदूर को ये खजाना मिला तो उसे विश्वास नहीं हुआ। वो उन सिक्कों को लेकर घर आ गया लेकिन रातभर उसे नींद नहीं आई। आखिरकार उसने उन सिक्कों को लेकर जो कदम उठाया उसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दमोह जिले में जिस मजदूर को ये खजाना मिला उसका नाम हल्ले अहिरवार (Halle Ahirwar) है। मकान की खुदाई के दौरान जब उसे ये ब्रिटिश कालीन 240 सिक्के मिले तो पहले उसे विश्वास ही नहीं हुआ। वो इन सिक्कों को छिपाकर रखना चाहता था। इसी के चलते वो उन्हें लेकर अपने घर आया।
सिक्कों पर थी 1887 की मुहर
चाहकर भी ये युवा मजदूर उन सिक्कों के साथ रखकर सो नहीं सका। पूरी रात करवटें बदलता रहा। आखिरकार उसने अगली सुबह स्थानीय पुलिस स्टेशन में जाकर पुलिस को वो खजाना सौंप दिया। पुलिस ने दिहाड़ी मजदूर हल्ले अहिरवार की इस ईमानदारी भरे कदम की जमकर तारीफ की है। साथ ही 136 साल पुराने राजशाही-युग के इन सिक्कों के बारे में पता लगाने की कोशिशें शुरू हुई। तुरंत ही विशेषज्ञों को इसकी जानकारी दी गई। अब एक्सपर्ट इन सिक्कों का मूल्य पता लगाने में जुटे हैं। जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि जमीन के नीचे से मिले इन सिक्कों में अधिकांश पर 1887 की मुहर लगी है।
सिक्के पुलिस को सौंप मजदूर ने पेश की मिसाल
पुलिस ने कहा कि हल्ले अहिरवार मंगलवार को एक घर में खंभे के लिए गड्ढा खोद रहे थे, तभी उन्हें सिक्के मिले। उन्होंने इसे पुलिस और प्रशासन को सौंपने का फैसला किया। रातभर किसी तरह घर में बिताने के बाद हल्ले अहिरवार ने बड़ापुरा पुलिस स्टेशन पहुंचकर सभी सिक्के पुलिस के हवाले कर दिए। पुलिसकर्मी भी इतने पुराने सिक्कों को देखकर सरप्राइज हो गए। कोतवाली थाना प्रभारी विजय राजपूत ने बताया कि हल्ले अहिरवार ने सिक्के जमा कर दिए हैं। अब पुलिस घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद नियमानुसार कार्रवाई करेगी।
जांच में जुटे पुरातत्व-खनिज विभाग के अधिकारी
वहीं जिसकी जमीन पर खुदाई में ये सिक्के मिले उनका नाम मीनाक्षी उपाध्याय है। उन्होंने बताया कि मुझे सिक्कों के बारे में कुछ नहीं पता है। साथ ही उन्होंने ये भी शिकायत की कि मजदूर हल्ले अहिरवार अगले दिन काम पर भी नहीं आया। सूत्रों का कहना है कि एक सिक्के के वजन के हिसाब से 240 सिक्कों की कीमत 1.92 लाख रुपये होगी। खुदाई को फिलहाल रोक दिया गया है और पुलिस ने साइट और सिक्कों की जांच के लिए पुरातत्व विभाग और खनिज विभाग से संपर्क किया है। जिस घर के नीचे सिक्के पाए गए थे वह बहुत पुराना है और परिसर में एक मंदिर है, जिससे स्थानीय लोगों का अनुमान है कि अगर और खुदाई की जाती है तो अधिक मूल्यवान वस्तुएं मिल सकती हैं।
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