जबलपुर । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 4 दिनों से हड़ताल (strike) पर बैठे जूनियर डॉक्टर्स (junior doctors) को जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल की निंदा करते हुए असंवैधानिक बताया और तत्काल हड़ताल को वापस लेने के आदेश दिए हैं. जूनियर डॉक्टरों हड़ताल पर हाईकोर्ट में पहले से लंबित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
हाईकोर्ट ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान जब डॉक्टरों की सबसे ज्यादा जरूरत है ऐसे नाजुक हालातों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को उचित नहीं ठहराया जा सकता. हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि 24 घंटे के भीतर अगर जूनियर डॉक्टर अपने काम पर वापस नहीं लौटते हैं तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि जूनियर डॉक्टर की अधिकतम मांगों को सरकार ने मंजूर कर लिया है, उसके बावजूद भी डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं.
हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों को भी आदेश दिया है कि वह 24 घंटे के भीतर अपनी हड़ताल को खत्म कर काम पर वापस लौटे. मध्यप्रदेश में ये पहला मौका नहीं था, जब जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की थी इसके पहले भी सब जूनियर डॉक्टरों ने लंबे समय तक हड़ताल की थी तो हाईकोर्ट में साल 2014 में डॉक्टरों की हड़ताल के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर समय-समय पर हाईकोर्ट ने अपने दिशा निर्देश जारी किए है और डॉक्टरों की हड़ताल निंदा भी की है. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आज सख्त दिशा निर्देश दिए हैं.
बता दें कि अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर मध्य प्रदेश के तकरीबन 3 हजार जूनियर डॉक्टर पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं. जूनियर डॉक्टरों ने कोविड-19 वार्ड में भी काम करना बंद कर दिया था. जिसकी वजह से अस्पताल में भर्ती मरीजों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था जूनियर डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगे सरकार ने जल्द पूरी नहीं की तो अपनी हड़ताल अनिश्चित काल तक चलाते रहेंगे.
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