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    मप्रः जनवरी-2021 में शुरू होंगी तीन हजार औद्योगिक इकाइयां

  • December 12, 2020

    भोपाल। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा है कि राज्य सरकार जल्द ही औद्योगिक क्षेत्रो में विकसित जमीन के साथ अविकसित जमीन भी उद्योगों को देने की शुरूआत की जाएगी। अगले दो साल में मप्र में दस हजार से ज्यादा नए उद्योगों को शुरू करने का लक्ष्य है और जनवरी 2021 में तीन हजार नए उद्योगों की शुरूआत होने जा रही है, जिससे प्रदेश में 70 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जबकि करीब डेढ़ लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

    उन्होंने आख्या इंडिया और अमेजन द्वारा आत्मनिर्भर मध्यप्रद्रेश के लिए एमएसएसमई के अवसरों पर केंद्रित वेबिनार में संबोधित करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में 50 प्रतिशत से अधिक उत्पादन पर चीन का कब्जा था लेकिन अब ऐसा वातावरण बना है कि पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने एमएसएमई को मजबूत करें। उनके उत्पादों को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करना और उन्हें अवसर देने की जरूरत है। इस दिशा में आख्या इंडिया और अमेजन की यह पहल सराहनीय है।

    सखलेचा ने कहा कि मप्र देश का ह्रदय प्रदेश है। यहां खनिज संपदा से लेकर अपनी कला, संस्कृति और उनसे जुड़े उत्पाद हैं। मप्र के हर क्षेत्र में ऐसे स्थानीय उत्पादों की प्रचूरता है, जिनका ग्लोबल मार्केट हो सकता है। आज जरूरत उनका प्लेसमेंट की उचित व्यवस्था करना है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकार ने कोरोना की चुनौती को एक अवसर के रूप में बदला है। नए-नए क्षेत्रों में संभावनाएं सृजित हो रहीं हैं। नए उद्यमियों का साथ मिल रहा है। प्रदेश के सभी उद्योग संघों और उद्यमियों के साथ मिलकर 10 हजार उद्योग शुरू करने का लक्ष्य पूरा करेंगे।

    सखलेचा ने बताया कि प्रदेश में फर्नीचर, टॉयज और रेडीमेड गारमेंट जैसे 10 कलस्टरों का नेटवर्क तैयार करने पर काम चल रहा है। आईटी कलस्टर में भी नई योजनाओं से लोगों को आकर्षित किया जाएगा। उन्होंने आह्वान किया कि हम सभी को मिलकर यह प्रयास करना है कि मप्र की आज की जरूरत के अनुरूप छोटे उद्योगों को पूरी दुनिया का प्लेटफॉर्म उपलब्ध हो। एक कॉमन प्लेटफार्म तैयार करें।

    एमएसएमई विभाग के सचिव तथा उद्योग आयुक्त विवेक पोरवाल ने कहा कि मप्र प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न राज्य है और कई बेहतरीन उत्पाद यहां मौजूद हैं। स्टैंडराईजेशन और मार्केटिंग की समस्या है। ग्राहकों को जो गुणवत्ता चाहिए यदि वह हम उपलब्ध करा पाएंगे तो यह प्रोडक्ट पूरी दुनिया में पहुंचाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों की ग्लोबल मार्केटिंग की जानी चाहिए और इसमें अमेजन जैसे प्लेटफॉर्म उपयोगी हैं। हम किस तरह से उत्पादकों को बेहतर अवसर दे सकते हैं, इस दिशा में सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय ने स्थानीय उत्पादों की मार्केर्टिंग की दिशा में संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। (एजेंसी, हि.स.)

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