भोपाल। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) (Right to Education Act (RTE)) के तहत निजी विद्यालयों (private schools) की प्रथम प्रवेशित कक्षा में वंचित समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों (children from disadvantaged groups and weaker sections) के निःशुल्क प्रवेश (Free admission) के लिये गुरुवार को ऑनलाइन लॉटरी (online lottery) राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक धनराजू एस और मप्र स्टेट इलेक्ट्रानिक डेव्लपमेंट कार्पोरेशन के प्रबंध संचालक अभिषेक अग्रवाल ने खोली। लाटरी में बच्चों को मनचाहे स्कूलों में प्रवेश मिला। राज्य शिक्षा केन्द्र में हुई इस प्रक्रिया का सीधा प्रसारण केन्द्र के यूट्यूब चैनल पर किया गया।
धनराजू ने कहा कि ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम में कोविड-19 के कारण ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता अथवा अभिभावक का निधन हुआ है, उन बच्चों को सीट आवंटन में प्राथमिकता दी गई है। देश में आरटीई में ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम अपनाने वाला मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। इस पारदर्शी व्यवस्था से अभिभावकों को उनके क्षेत्र के स्कूल और उनमें उपलब्ध सीटों की जानकारी के साथ ऑनलाइन प्रक्रिया से उनके बच्चों को स्कूल में सीट आवंटित हो जाएगी।
आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश के लिए पारदर्शी और तकनीक आधारित व्यवस्था अपनाई गई है। इस वर्ष 2 लाख 1 हजार 304 बच्चों के ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए। लॉटरी के लिए दस्तावेज सत्यापन के बाद 1 लाख 71 हज़ार 921 बच्चे पात्र पाये गये। इसमें 89 हजार 702 बालक एवं 82 हजार 219 बालिकाएँ हैं, जिन्हें गुरुवार को ऑनलाइन लॉटरी में शामिल करते हुए रेंडम पद्धति से स्कूल का आवंटन कर उन्हें एसएमएस से सूचना भी दी जा रही है। पात्र बच्चे आवंटित स्कूलों में 15 से 23 जुलाई तक प्रवेश ले सकेंगे। इन बच्चों की फीस राज्य सरकार द्वारा नियमानुसार संबंधित स्कूल के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर की जाएगी।
नर्सरी की कक्षा के लिए 1 लाख 9 हजार 258, केजी-1 के लिए 55 हज़ार 996, केजी-2 के लिए 4080 और कक्षा पहली के लिए 29 हज़ार 407 आवेदन आए हैं।
लॉटरी प्रक्रिया में शामिल पात्र बच्चों का विवरण
कक्षा नर्सरी में कुल 102972 बच्चे शामिल हुए, जिनमें 53526 बालक और 49446 बालिकाएँ शामिल हैं। इसी प्रकार के.जी. 1 में 46512 बच्चों में 24260 बालक और 22252 बालिकाएं, के.जी. 2 में कुल 2302 बच्चों में 1173 बालक और 1129 बालिकाएं, पहली कक्षा में कुल 20135 बच्चों में 10743 बालक और 9392 बालिकाएं शामिल हैं। इस प्रकार कुल 1,71,921 बच्चों की लाटरी निकाली गई, जिनमें 89702 बालक और 82219 बालिकाएं शामिल हैं।
यूट्यूब लाइव सत्र के दौरान संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र धनराजू एस ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम अन्तर्गत निजी विद्यालयों में नि:शुल्क प्रवेश के लिए पात्र विभिन्न श्रेणियों के बच्चों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक संख्या में गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों के लगभग एक लाख 44 हजार से अधिक बच्चों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से दस्तावेजों के सत्यापन के बाद कुल एक लाख 22 हजार 987 बच्चे लॉटरी प्रक्रिया हेतु पात्र हुए हैं।
श्रेणी के अनुसार, प्राप्त आवेदनों की संख्या
गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों के 1,44,442 बच्चों (बीपीएल) ने आवेदन किया था, जिनमें सत्यापन के बाद 1,22,987 पात्र पाए गए। इसी प्रकार विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांग 75 बच्चों के आवेदन में 45 पात्र, वन ग्राम के पट्टाधारी परिवारों के 206 बच्चों के आवेदन में 103 पात्र, एचआईवी पॉजिटिव परिवारों के 32 बच्चों में 12, अनाथ 18 बच्चों में 10 कोविड के दौरान अनाथ हुए 10 बच्चों में सभी 10 बच्चे, अनुसूचित जाति के 43903 बच्चों के आवेदन में 38255, अनुसूचित जनजाति के 11252 बच्चों के आवेदन में 9804 बच्चे, विमुक्त जाति के 1357 बच्चों के आवेदन में 695 बच्चे पात्र पाए गए। इस प्रकार कुल 2,01,304 बच्चों ने आवेदन किया था, जिनमें 1,71,921 बच्चों को लाटरी में शामिल किया गया। (एजेंसी, हि.स.)
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