भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Former Chief Minister Digvijay Singh) की आखिरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) से मुलाकात हो गई। ये मुलाकात रविवार को दोपहर करीब 12 बजे हुई. लेकिन, इस मुलाकात के खास मायने भी थे। इसलिए क्योंकि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की मुख्यमंत्री शिवराज से मुलाकात तो हुई, लेकिन वह किसानों के साथ अकेले नहीं मिल पाए। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) भी सीएम हाउस पहुंचे. खास बात ये रही कि जब ये मुलाकात हो रही थी तब कमलनाथ किसानों की बात सीएम के सामने से रख रहे थे. अब इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं दिग्विजय और कमलनाथ दोनों नेताओं के बयान सामने आए हैं। इस मुलाकात पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा मैं दिग्विजय सिंह के साथ सीएम हाउस गया था। मैंने ही कहा दिग्विजय से मैं साथ जाऊंगा। उस दिन मुझे नहीं पता था कि दिग्विजय धरना दे रहे हैं, क्योंकि मैं छिंदवाड़ा में था. वहीं, पूर्व दिग्विजय ने मुलाकात पर कहा कि मैं सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख रहा हूं। उन्हें इस माध्यम से ये जानकारी दूंगा कि मैंने कब कब मिलने के लिए उन्हें फोन किया।
क्या सियासी खेल के शिकार हो गए दिग्विजय ?
दरअसल दिग्विजय सिंह डूब प्रभावित किसानों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलना चाहते थे। दो दिन पहले जब उन्हें मिलने का समय नहीं मिला तो वो धरने पर बैठ गए थे। कमलनाथ जब दिग्विजय के धरने में पहुंचे थे तो उन्होंने कह दिया था कि उन्हें पता ही नहीं था कि ये धरना दिग्विजय सिंह का है। उन्हें स्टेट हैंगर पर सीएम चौहान से ये पता चला था कि वो धरना दे रहे हैं। शिवराज – कमलनाथ की मुलाकात ने ही पूरे मामले को नाटकीय मोड़ दे दिया था। आज पूरे घटनाक्रम में दिग्विजय सिंह साइड लाइन होते दिखाई दिए, जबकि किसानों के मुद्दे पर वो क्रेडिट लेना चाह रहे थे. दिग्विजय के मुद्दों को कमलनाथ ने भी अपना मुद्दा बना दिया।
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