चार हजार से ज्यादा पशु हटाए और गौशालाओं में भिजवाए
इंदौर। बढ़ती सडक़ दुर्घटनाओं (Road Accidents) और हाईवे (Highway) सहित अन्य सडक़ों पर आवारा पशुओं (stray animals) के जमावड़े को लेकर पिछले दिनों हाईकोर्ट (High Court) को लेकर कड़ी फटकार लगाई, जिसके चलते शासन ने कार्रवाई शुरू की और लोक निर्माण विभाग सहित पशुपालन और अन्य विभाग भी जुटे। अभी तक 4 हजार से अधिक गौवंश को हाईवे से हटाकर गौशालाओं में भिजवाया गया, साथ ही अब टोल नाकों पर हाईड्रोलिक क्रेनें (Hydraulic cranes) भी खड़ी कराई जाएंगी, जिससे मृतक जानवरों या घायल गौवंश को भी हटाया जा सके। बारिश में बड़ी संख्या में ये गौवंश सडक़ों पर नजर आने लगे हैं।
इंदौर को भी कुछ वर्ष पूर्व आवारा पशुओं से मुक्त कराया था और उसके बाद स्वच्छता को लेकर अभियान भी शुरू हुआ। मगर बीते सालभर में जिस तरह जगह-जगह गंदगी, कचरे के ढेर नजर आने लगे, उसी तरह शहर की सडक़ों पर भी आवारा पशु दिखने लगे। हालांकि नगर निगम ने बीते दिनों कुछ बाड़ों को जमींदोज करने की भी कार्रवाई की थी। दूसरी तरफ नेशनल और स्टेट हाईवे पर भी कई सडक़ दुर्घटनाएं इन आवारा पशुओं के विचरण के चलते होने लगी, जिसको लेकर पिछले दिनों हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई और उसके बाद हाईकोर्ट ने तय समयसीमा में हाईवे से इन पशुओं को हटाने के निर्देश भी दिए। पशुपालन विभाग का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में ही एक दर्जन नेशनल हाईवे से लगभग 4 हजार गौवंश को नजदीक की गौशालाओं में शिफ्ट किया है और कोई भी पशुपालक इन्हें छुड़ाने भी नहीं आया। दरअसल, अधिकांश पशुपालक जब दूध मिलना बंद हो जाता है तो फिर गौवंश को सडक़ों पर छोड़ देते हैं। शासन ने भी इंदौर सहित प्रमुख बड़े जिलों से गुजरने वाले राजमार्गों को कैटल फ्री करने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया और एक हजार किलोमीटर से अधिक लम्बाई के इन राजमार्गों पर वाहन भी तैनात किए और निराश्रित गौवंश को यहां से गौशालाओं में शिफ्ट करवाया। कुछ घायल गौवंश को पशु चिकित्सालय भी भेजा गया, तो मृत गौवंश का अंतिम संस्कार भी करवाया। एक तरफ सडक़ दुर्घटनाओं में कई लोगों की मौत हुई, तो दूसरी तरफ 160 से अधिक मौतें भी पशुपालन विभाग ने इन हाईवे पर टक्कर के चलते होना बताई है। अब शासन ने यह भी निर्णय लिया है कि सभी हाईवे के, जो टोल नाके हैं, वहां पर हाईड्रोलिक क्रेनें खड़ी कराई जाए, ताकि उनकी मदद से मृत या घायल गौवंश को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा सके।