मुरैना। ग्वालियर-चंबल अंचल (Gwalior-Chambal Zone) में भीषण गर्मी (Extreme heat) को देखते हुए अब आग की घटनाएं लगातार तेजी से बढ़ रही हैं। इसी दौरान बुधवार को मुरैना के जिला अस्पताल (District Hospital, Morena) की पुरानी बिल्डिंग में भीषण आग लग गई। यह आग अस्पताल की मुख्य ओटी और बर्न यूनिट, सर्जिकल वार्ड में लगी। आग लगते ही सर्जिकल वार्ड के बगल से धुआं उठने लगा, और उसके बाद अफरा-तफरी मच गई। आग की लपटों के बीच मरीजों को बाहर निकालने का काम शुरू किया गया, तभी गंभीर मरीजों को लेकर अटेंडर बाहर की तरफ भागे, इसी आपाधापी के बीच एक मरीज की मौत हो गई।
आग लगने की सूचना मिलने पर दमकल विभाग के वाहन भी वहां पहुंचे, लेकिन जगह नहीं होने की वजह से अंदर तक नहीं पहुंच सके। हालांकि कर्मचारियों की सूझबूझ और सक्रियता के कारण समय पर आग पर काबू पा लिया गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
इस घटना के दौरान मेडिकल वार्ड में भर्ती एक मरीज की मौत हो गई। दरअसल आग लगने का शोर मचने के बाद किसी ने जल्दबाजी में उस मरीज का ऑक्सीजन का पाइप निकाल दिया, और जब तक उसे बाहर लाया गया, उसकी मौत हो चुकी थी।
सबसे हैरत की बात यह है कि अस्पताल में फायर सेफ्टी सिस्टम की पाइपलाइन डाली गई है, लेकिन धुआं होने पर न तो उसकी सीटी बजी और न हीं सायरन बजा। जब आग लगी तो अस्पताल में 100 से ज्यादा मरीज भर्ती थे, जिसके बाद उनको बाहर निकाला गया, वहीं कुछ मरीज खुद भी भागकर अपनी जान बचाते हुए नजर आए।
जिला अस्पताल में सर्जिकल विभाग के ओटी में लगी आग पूरे अस्पताल में फैल गई। कई मरीज तो टूटी-फूटी हड्डियों के साथ घसीटते हुए अस्पताल परिसर से बाहर निकले। कई मरीज ड्रिप खींचकर भागते नजर आए। वहीं आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। उधर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर गजेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी, इस दौरान पहले चिंगारियां निकलीं और फिर आग फैल गई। आग पर काबू पा लिया गया है सभी मरीज सुरक्षित हैं।
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