भोपाल । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लिव इन (live-in) में रह रहीं महिलाओं (women) की शिकायत पर अब पार्टनर पर सीधा रेप का मामला (rape case) दर्ज नहीं होगा. शिकायत मिलने पर पुलिस पहले दोनों पक्षों से पूछताछ कर जांच करेगी और मामला सही पाए जाने पर ही केस दर्ज करेगी. दरअसल, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने कई मामले फर्जी व झूठे पाए जाने का हवाला देते हुए यह फैसला किया है.
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने लिव इन रिलेशनशिप पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अब ऐसे मामलों में रेप या यौन शोषण की शिकायतों पर गहराई से जांच के बाद ही FIR दर्ज की जाएगी. उन्होने कहा कि ज्यादातर मामलों में बाद में गवाह बदल जाते हैं या शिकायत झूठी पाई जाती है या फिर मामला संदिग्ध पाया जाता है. इसलिए अब पुलिस द्वारा पूरी तहकीकात के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.
गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अब शिकायत मिलने पर पुलिस पहले दोनों पक्षों को ध्यान से सुनेगी. अब सिर्फ आरोप लगाने वाले का ही नहीं, बल्कि उसके पार्टनर का भी पक्ष सुना जाएगा. आरोप सही पाए जाएंगे तो ही मामला दर्ज किया जाएगा.
गृहमंत्री के मुताबिक पूरे मामले की तह तक जाने के बाद ही अब कोई कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उनका दावा है कि अगर ऐसा हुआ तो पूरे देश में मध्य प्रदेश ही संभवतः पहला राज्य होगा जहां लिव इन में रहने वालों के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज नहीं होगी.
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