जबलपुर। मप उच्च न्यायालय में हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड कंपनी के द्वारा प्रदाय पेट्रोल पंप डीलरशिप के चयन को याचिकर्ता दीपिका टैंक द्वारा एक रिट याचिका लगा के इस बात पर चुनौती दी गयी कि याचिकाकर्ता के साथ हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड कंपनी द्वारा जानबूच कर पक्षपात किया जा रहा है। तथा मनमाने तरीके से नियमो को ताक पे रखकर हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड कंपनी द्वारा केवल प्रतिवादी दिलीप नामदेव नामक व्यकि को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए जानबूच कर याचिकर्ता के साथ अहित किया जा रहा है और इस तरीके से हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड कंपनी के द्वारा प्रदाय पेट्रोल पंप डीलरशिप के चयन को निरस्त किये जाने की याचिकर्ता द्वारा प्रार्थना को मप्र उच्च न्यायालय की एकल पीठ न्यायमूर्ति विशाल धघट द्वरा अंत: सुना गया।
जिसपर न्यायमूर्ति विशाल धघट के द्वारा प्रतिवादी अधिवक्ता हिमांशु तिवारी एवं धीरज कुमार तिवारी के द्वारा तर्क किया गया कि याचिकर्ता द्वारा हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड कंपनी के द्वारा प्रदाय पेट्रोल पंप डीलरशिप लोकेशन नंबर 852 के लिए अपनी निविदा भारी गयी थी। तथा इस न्यायालय का समय एवं प्रकिया का अनैतिक लाभ उठाते हुए याचिकर्ता द्वारा मप्र उच्च न्यायालय को गुमराह किया जा रहा है और प्रतिवादी को जान बूचकर केवल परेशान करने की नीयत से तथा अपना निजी हित सिद्ध करने के लिए अनावश्यक हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड कंपनी के द्वारा प्रदाय पेट्रोल पंप डीलरशिप चयन को मुद्दा बनाकर पेश किया जा रहा है जो कि अनैतिक है तथा न्याययुक्त नही है । प्रतिवादी दिलीप नामदेव द्वारा हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड कंपनी के द्वारा प्रदाय पेट्रोल पंप डीलरशिप लोकेशन नंबर 942 के लिए किया गया था, जो कि याचिकर्ता के लोकेशन से बिल्कुन अलग है अनावश्यक प्रतिवादी को न्यायालय में घसीटने के लिए मप उच्च न्यायालय की एकल पीठ न्यायमूर्ति विशाल धघट द्वरा फटकार लगाई गई तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड कंपनी के द्वारा प्रदाय पेट्रोल पंप डीलरशिप चयन को प्रतिवादी अधिवक्ता हिमांशु तिवारी तथा अधिवक्ता धीरज कुमार तिवारी के तर्क सुनने उपरांत सही ठहराते हुए उच्च न्यायालय द्वारा याचिकर्ता की याचिका को कानूनी प्रकिर्या का दुरुपयोग बताते हुए तथा याचिकर्ता को फटकार लगाते हुए खारिज कर दिया गया ।
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