भोपाल। मप्र हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के प्रमुख अभियंता (ईएनसी) और चीफ इंजीनियर को भारी पड़ गया। पीएचई में खलासी रामदास कुशवाह और मैकेनिक गोपाल कुशवाह की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए मप्र हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने दोनों अधिकारियों पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इसमें 15-15 हजार रुपए दोनों याचिकाकर्ताओं को और शेष 20 हजार रुपए हाईकोर्ट परिसर स्थित डिस्पेंसरी के खाते में जमा कराने का आदेश दिया गया है, ताकि कोविड से बचाव के लिए आवश्यक सामग्री खरीदकर स्टाफ में बांटी जा सके। पीएचई के कर्मचारी रामदास कुशवाह और गोपाल कुशवाह ने नियमित वेतनमान और स्थाई वर्गीकरण के दिनांक से एरियर की राशि के भुगतान की मांग करते हुए याचिका दायर की। दोनों की याचिका को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने 18 मई 2011 को विभाग को तीन माह में भुगतान करने का निर्देश दिया। हालांकि, विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की, लेकिन डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को सही माना। 8 अक्टूबर 2012 को अपील खारिज होने के बाद भी विभाग ने दोनों कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया। इस पर 2015 में अवमानना याचिका दायर की गई। जिस पर कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन करने में आठ साल का विलंब हुआ है। कोर्ट का भी बहुमूल्य समय बर्बाद किया गया, जबकि अधिकारी चाहते तो अवमानना याचिका दायर करने की नौबत ही नहीं आती। इसलिए कोर्ट ने दोनों अफसरों पर अवमानना का जुर्माना लगा दिया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved