जबलपुर। जबलपुर (Jabalpur) में अभिनेता सैफ अली खान (Saif Ali Khan), उनकी बहन सोहा अली खान (Soha Ali Khan) और मां शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत की कार्यवाही पर लगी रोक के आदेश को निरस्त कर दिया है।
अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, उनके पुत्र सैफ अली खान और उनकी बहनों रायसेन के चिकलोद में स्थित 900 एकड़ तालाब के मालिकाना हक के विवाद संबंधी मामले में निचली अदालत की ओर से उनका आवेदन खारिज किये जाने को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि भोई समाज के लोगों ने दावा किया था कि भोपाल नवाब हमीदुल्ला खां ने साल 1948 में चिकलोद का 900 एकड़ का तालाब उन्हें सौ साल की लीज पर दिया था।
भोई समाज के मछुआरों ने भोपाल जिला अदालत में तालाब के मालिकाना हक के लिए सिविल शूट भी दायर किया था। निचली अदालत में उन्होंने आपत्ति पेश कर लीज संबंधी दस्तावेजों की जांच को लेकर आवेदन पेश किया था, जिसके निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि नवाब हमीदुल्ला खां ने तालाब को लीज पर नहीं दिया था और भोई समाज द्वारा पेश किया गया लीज का दस्तावेज फर्जी है। याचिका की सुनवाई करते हुए साल 2017 में निचली अदालत में जारी सुनवाई पर रोक लगा दी थी।
एकलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि दस्तावेज की जांच तथा उसे रिकॉर्ड में लेने के पूर्व ही याचिकाकर्ताओं ने उसे फर्जी बताते हुए न्यायालाय में आवेदन पेश किया। एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को राहत दी है कि न्यायिक कार्यवाही के दौरान उचित अवसर पर साक्ष्य अधिनियम की धारा 45 के तहत आवेदन पेश करें। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता राजेश पंचौली ने पक्ष रखा।
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