भोपाल। भोपाल (Bhopal) से निर्वाचित कांग्रेस विधायक (Congress MLA) आरिफ मसूद (Arif Masood) को हाईकोर्ट (High Court) से झटका लगा है। निर्वाचन को चुनौती (Challenge the election) देते हुए दायर की गई चुनाव याचिका को खारिज किए जाने की मांग करते हुए उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल (Justice Vivek Aggarwal) की एकलपीठ ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है।
विधानसभा चुनाव-2023 में भोपाल से भाजपा के टिकट पर पराजित प्रत्याशी ध्रुव नारायण ने चुनाव याचिका दायर करते हुए आरिफ मसूद के निर्वाचन को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर भरे गए नामांकन-पत्र में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई थीं। शपथ-पत्र में खुद के नाम से लिए गए 34 लाख 10 हजार और पत्नी रूबीना मसूद के नाम पर लिए गए 31 लाख 28 हजार को मिलाकर करीब 65 लाख 38 हजार रुपये के लोन की जानकारी चुनाव आयोग को नहीं दी गई।
चुनाव याचिका को निरस्त किए जाने की मांग करते हुए विधायक मसूद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी तरफ से तर्क दिया गया कि चुनाव याचिका नियम विरुद्ध तरीके से दायर की गई थी। एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा कि चुनाव याचिका में कोड ऑफ सिविल प्रोसीजर की धारा का बिलकुल भी उल्लंघन नहीं हुआ। कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि विधायक मसूद के विरुद्ध चुनाव याचिका विचाराधीन रहेगी। चुनाव याचिका की अगली सुनवाई 24 अगस्त को होनी है।
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