भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल शनिवार को अल्पप्रवास पर विदिशा आए। उन्होंने यहां उदयगिरी की गुफाओं का भ्रमण कर जानकारियां प्राप्त की। राज्यपाल पटेल ने विजिटर रजिस्टर में लिखा कि उदयगिरी की गुफाएं इतिहास को वर्णित कर साक्ष्य प्रमाण दे रही हैं। यह अदभुत है। इस अवसर पर कलेक्टर उमाशंकर भार्गव, पुलिस अधीक्षक डॉ मोनिका शुक्ला, जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने उदयगिरी की गुफा क्रमांक छह का अवलोकन किया। यह सनकणिका गुफा के नाम से जानी जाती है। इसके संबंध में गाइड ने बताया कि यहां से सनकणिका नाम की स्थानीय जनजाति के मुखिया का एक अभिलेख मिला है, जिसमें उत्तर पूर्व मालवा पर चन्द्रगुप्त द्वितीय की विजय का उल्लेख किया गया है। यह गुफा भगवान शंभु (शिव) को समर्पित हैं। वर्तमान में एक योनिपीठ के ऊपर एक शिवलिंग स्थापित है यहां पर महिषासुरमर्दिनी का संभवतः पहली बार अंकन किया गया, जिसमें महिषासुर को दो भाग में चिरते हुए दर्शाया गया है। इस गुफा के पास ही एक छोटी गुफा में मृतिकाओं की खंडित प्रतिमाएं है, जिनके साथ वीरभद्र या शिव का अंकन है। गणेश का भी यहां मूर्तिरूप में प्रारंभिक अंकन देखने को मिलता है।
राज्यपाल ने अन्य गुफाओं का भी अवलोकन किया। गुफा नम्बर पांच बराह, गुफा नम्बर 13 शिवसांई विष्णु (शंखलिपि), गुफा नम्बर 19 अमृत गुफा (चौथी शताब्दी), निर्माण गुफा (चंद्रगुप्त द्वितीय) तथा गुफा नम्बर सात स्थानीय लोग इस गुफा को तवा गुफा के नाम से जानते हैं, क्योंकि इस गुफा के ऊपरी भाग में एक बडी गोलाकार स्पाट तल वाली शिला है जो कि देखने में तवे की तरह लगती है। यहीं पर चन्द्रगुप्त द्वितीय के मंत्री वीर सेन द्वारा उत्कीर्ण गुप्तकालीन ब्राही लिपि में अभिलेख है जिसके अनुसार दुनिया को जीतने के लिए सम्राट चंद्र द्वितीय निकले थे। वह अभिलेख एक मात्र लिखित साक्ष्य है। जिसमें सम्राट चंद्रगुप्त द्धितीय की विजय यात्रा का वर्णन मिलता है।
इस अवसर पर भारतीय पुरातत्व विभाग के प्रभारी एएसआई संदीप मेहतो, गाईड सुरेन्द्र सिंह भदौरिया ने उदयगिरी गुफाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी से अवगत कराया। (एजेंसी, हि.स.)
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