भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने खंडवा में क्रांति गौरव कलश यात्रा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वीर टंट्या मामा की भूमि में आकर मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं, इस भूमिका को नमन। हमें जनजातिय नायकों का इतिहास कभी नहीं पढ़ाया गया। ये अंग्रेजों के खिलाफ लड़े, अन्याय के खिलाफ लड़े और सूदखोरों के खिलाफ लड़े। ये टंट्या माम थे जो अंग्रेजों को लूटते थे और जो पैसा मिलता उनको गरीबों को बांट देते थे। अंग्रेजों ने टंट्या मामा को पकडऩे के लिए नई टीम बनाई थी, इंग्लैंड तक में लोग उनके नाम से कांपते थे। एक बार जेल तोड़कर भी भाग गए। एक गद्दार के कारण उन्हें धोखा देकर पकडऩे का काम किया गया। इसके बाद उन्हें जबलपुर में फांसी दी गई। टंट्या मामा ने भारत माता के लिए खुद को बलिदान कर दिया।
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार उनका सही इतिहास पढ़ाएगी, जो कांग्रेस ने नहीं किया। गरीबों का शोषण करने वाले, अन्याय करने वाले जो भी हो उन्हें सरकार नहीं छोड़ेगी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि टंट्या मामा भी सूदखोर से परेशान हुए थे। हमनें सूदखोरी रोकने के लिए नियम बनाया है। सीएम शिवराज ने कहा आदिवासियों का गौरवशाली इतिहास रहा है। हमारे बीच स्थित वन मंत्री विजय शाह भी गोंड राजवंश से हैं। मुख्यमंत्री ने भीली भाषा में टंट्या मामा को नमन किया। कांग्रेस ने आजादी के इतिहास को गलत बताया। क्रांतिकारी वीरों को भुला दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनजाति गौरव दिवस समारोह की शुरुआत प्रशंसनीय है। टंट्या मामा ने गरीबों को शोषण से मुक्ति के लिए लूटपाट की। उन्हें पकडऩे के लिए नाम से ही अंग्रेजी ने टीम बनाई थी।
कांग्रेस ने ट्राईबल यूनिवर्सिटी का नाम भी इंदिरा गांधी के नाम पर रखा कांग्रेसी हमेशा एक खानदान का नाम रोशन करने का प्रयास किया है। चार तारीख को यात्रा पातालपानी पहुंचेगी, उसे तीर्थ बनाया जाएगा। वहां टंट्या मामा के प्रतिमा लगाई जाएगी। पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम टंट्या मामा के नाम पर किया जाएगा, इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। इंदौर के भंवरकुआं चौराहे का नाम भी टंट्या मामा के नाम पर रखने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निर्धारित समय से करीब 1 घंटे विलंब से टंट्या मामा की जन्मस्थली बड़ौदा अहीर पहुंचे। मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को प्रात: 12.40 बजे भोपाल से रवाना होकर दोपहर 1.20 बजे पंधाना विकासखंड के ग्राम बड़ोदा अहीर हेलीपेड पर पहुंचे। यहां से स्मारक पहुंच कर टंट्या मामा की आदमकद प्रतिमा की पूजा-अर्चना की। स्मारक परिसर में एकत्र की गई माटी को कलश में भरकर टंट्या मामा की प्रतिमा के समक्ष रखा गया। क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या भील गौरव यात्रा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री शिवराज द्वारा टंट्या मामा के वंशजों हेमराज सिरसाठे, वासुदेव सिरसाठे सोनी बाई जयसिंह का मंच से सम्मान किया गया।
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