भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने इंदौर (Indore) में सोमवार (24 मार्च) को विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) की प्रतिमा का लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने विनायक दामोदर सावरकर की महत्वता बताई. लोकार्पण कार्यक्रम में राज्य मंत्री के साथ सावरकर के पोते रणजीत सावरकर भी उपस्थित थे. मोहन यादव ने कहा कि उनकी सरकार हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के व्यक्तित्व और कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है, क्योंकि उनके जीवन चरित्र को सही अर्थों में समझना आवश्यक है.
प्रगति नगर में सावरकर की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर सीएम ने कहा कि राज्य सरकार उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर भव्य कार्यक्रमों का आयोजन करेगी. उन्होंने कहा, “सावरकर के जीवन के इतिहास को सही अर्थों में समझने की जरूरत है. सरकार उनकी विचारधारा और कार्यों को जनता तक पहुंचाने के लिए हर संभव कार्यक्रम आयोजित करने के लिए तैयार है. हम सावरकर की ओर से लिखित साहित्य को भी आम जनता तक पहुंचाने का कार्य करेंगे.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंडमान की सेल्युलर जेल में कैद के दौरान सावरकर ने देश की स्वतंत्रता के लिए भीषण यातनाएं सही, लेकिन ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाना कभी नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा, “एक मिथक था कि ब्रिटिश बहुत न्यायप्रिय थे, लेकिन सावरकर देश के एकमात्र महान व्यक्ति थे, जिन्होंने अंग्रेजों की वास्तविकता उजागर की. स्वतंत्रता के बाद भी सावरकर ने समाज को आईना दिखाने का कार्य किया.” उन्होंने यह भी कहा कि यदि सावरकर के हर शब्द को अनुसरण किया गया होता, तो देश की स्थिति आज अलग होती.
इस कार्यक्रम में सावरकर के पोते रणजीत सावरकर भी उपस्थित थे. इस अवसर पर रणजीत सावरकर ने भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर चिंता व्यक्त की और नागरिकों से उनका आर्थिक बहिष्कार करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “यदि भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों का आजीविका स्रोत समाप्त कर दिया जाए, तो वे अपने देश लौटने को मजबूर हो जाएंगे और हमारी समस्या हल हो जाएगी.”
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