भोपाल: भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) के यूनियन कार्बाइड के कचरे (union carbide waste) को लेकर न्यायालय के आदेश के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार बड़ा प्लान बना रही है, जिसके तहत सरकार अलग-अलग वर्गों के साथ बैठक कर कचरे के विनिष्टीकरण को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है. इसकी तैयारी हर स्तर पर शुरू कर दी गई है.
मध्य प्रदेश सरकार के नागरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि न्यायालय ने 6 हफ्ते का समय दिया है. इन 6 हफ्ते में यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीथमपुर में खत्म करने को लेकर सरकार की ओर से भी तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि यूनियन कार्बाइड के कचरे में ऐसी कोई भी क्षमता नहीं है जिससे लोगों को हानि पहुंच सके.
इसी वजह से सरकार की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं. इस कड़ी में छोटे-छोटे समूह के माध्यम से लोगों की बैठक लेकर उन्हें प्रेजेंटेशन के माध्यम से समझाया जाएगा. इसके लिए वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी वर्ग और अनुसंधान के दौरान सामने आई रिपोर्ट भी उनके सामने रखी जाएगी. सरकार की ओर से बुद्धिजीवी वर्ग, जनप्रतिनिधियों के बीच भी इस प्रकार का प्रजेंटेशन होगा, ताकि लोगों की गलतफहमी दूर हो सके.
कचरे के विनष्टीकरण के दौरान वायु में मिलने वाले प्रदूषण का भी वैज्ञानिकों की तथ्यात्मक रिपोर्ट के प्रेजेंटेशन के आधार पर जनता के बीच जानकारी दी जाएगी. नगरीय प्रशासन मंत्री ने कहा कि वर्तमान में स्वास्थ्य को हानिकारक पहुंचाने वाले ऐसे कोई भी पदार्थ कचरे के अंदर एक्टिव नहीं है. बावजूद इसके सरकार सभी प्रकार की संतुष्टि होने के बाद ही आगे कदम बढ़ाएगी.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी के मुताबिक पीथमपुर की रामकी फैक्ट्री के आसपास के क्षेत्र के कुएं और बोरिंग के पानी का सैंपल लेकर उसे लैब टेस्टिंग के लिए भेजा गया है. निजी लैब के परिणाम 15 दिन में आ जाएंगे. इसके बाद रिपोर्ट को जनता के बीच सार्वजनिक किया जाएगा. पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने का फैसला गलत है.
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