नई दिल्ली (New Delhi) । मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) द्वारा की गई छापेमारी (Raid) के बाद शराब फैक्ट्री सोम डिस्टिलरीज (Liquor Factory Som Distilleries) का लाइसेंस अगले 20 दिनों के लिए निलंबित (License suspended) कर दिया है. इस फैक्ट्री से 58 बाल श्रमिकों को रेस्क्यू गिया गया था, जिसमें 39 लड़के और 19 लड़कियां शामिल थीं. एनसीपीसीआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने अपनी टीम के साथ इस शराब फैक्ट्री में छापा मारकर इन बाल श्रमिकों को वहां से छुड़ाया था.
लाइसेंस निरस्त होने की कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा ‘अपराधी को सजा और पीड़ित को न्याय दिलाने में मध्य प्रदेश कभी पीछे नहीं रहेगा. मध्य प्रदेश वह राज्य है, जिसकी देश में मिसाल दी जाती है, ऐसे में यहां अगर कोई अपराध करेगा तो वह बख्शा नहीं जाएगा. रायसेन जिले में मेसर्स सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड ने नियमों को ताक पर रख कर बालश्रम का घोर अपराध किया है, इसलिए उसके लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया है. इससे पहले इस मामले से जुड़े लापरवाह अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है. मध्य प्रदेश सरकार में जनसेवा और जनहित सर्वोपरि है, इसके साथ कभी कोई समझौता नहीं होगा’.
बता दें कि राज्य सरकार इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में 4 आबकारी अधिकारियों को पहले ही निलंबित कर चुकी है. सोम डिस्टलरीज में काम करने वाले बच्चों को बमुश्किल कोई मजदूरी दी जाती थी और उन्हें रोजाना 12-14 घंटे काम करने के लिए स्कूल बस में ले जाया जाता था. रिपोर्ट में कहा गया है कि खतरनाक केमिकल और एल्कोहल के संपर्क में आने से कम से कम 58 बच्चों के हाथ ‘गंभीर रूप से जले हुए और घायल’ पाए गए. छापेमारी के बाद, सोम डिस्टिलरीज के शेयरों में गिरावट आई. हालांकि, कंपनी ने दोष अपने एक विक्रेता पर मढ़ने का प्रयास किया.
एक्सचेंज फाइलिंग में भोपाल स्थित डिस्टिलर ने स्पष्ट किया कि फैक्ट्री एक गैर-सूचीबद्ध सहयोगी फर्म की है, सूचीबद्ध कंपनी की नहीं. डिस्टिलर हंटर बियर, पेंटागन व्हिस्की और अन्य मादक पेय का उत्पादन करता है. सोम डिस्टिलरीज एंड ब्रुअरीज लिमिटेड के शेयर मंगलवार को 16 प्रतिशत तक गिर गए. सोम डिस्टिलरीज से 58 बच्चों को बचाने के कुछ दिनों बाद, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उन सभी की मेडिकल जांच कराने और वहां काम करने वाले कुछ लापता बच्चों के लिए प्रासंगिक कानूनों के तहत नई एफआईआर की मांग की है.
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