भोपाल। अपराध के मामले में नंबर वन रहे मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अब सरकार (government) लोगों की सुरक्षा (protection of people) के लिए कुछ नया और बड़ा करने जा रही है. वो जनता को सुरक्षित महसूस कराने की तैयारी में है. सरकार पब्लिक सेफ्टी पॉलिसी (Public Safety Policy) लेकर आ रही है। बजट सत्र में इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा. पॉलिसी को कानून की शक्ल दे रही है।
प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि गृह विभाग के साथ मिलकर नगरीय विभाग ने पब्लिक सेफ्टी पॉलिसी तैयार की है. इसके जरिए शहरी क्षेत्रों में शैक्षणिक, धार्मिक और औद्योगिक संस्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी होगा. इसके जरिए संस्थान के अंदर की गतिविधियों और बाहरी क्षेत्रों पर नजर रखी जाएगी. इस पॉलिसी को अगले बजट सत्र में विधानसभा में लाया जाएगा। सरकार की प्राथमिकता लोगों को सुरक्षा देना है. अब आधुनिक तकनीक के जरिए लोगों को सुरक्षित महसूस कराने की कोशिश है।
क्या है पब्लिक सेफ्टी पॉलिसी के खास बिंदु
प्रदेश में हर दिन 100 या उससे ज्यादा लोगों के आवाजाही वाले निजी संस्थानों के लिए यह लाइसेंस अनिवार्य होगा कि उन्हें अपने संस्थान में निर्धारित सुरक्षा मानदंडों का पालन करना होगा. वाणिज्यिक, औद्योगिक, धार्मिक, चिकित्सा, शिक्षा और दूसरे संस्थानों के प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी कि वह हाई क्वालिटी के कैमरे लगाकर लोगों की सुरक्षा की निगरानी करें. पॉलिसी में इस बात का भी प्रावधान किया गया है कि पुलिस को किसी भी समय ऐसे संस्थानों में प्रवेश का अधिकार होगा, और वह निरीक्षण कर सकेगी कि संस्थान में सुरक्षा मानदंडों का पालन हो रहा है या नहीं।
हर जगह लगेंगे कैमरे
सरकार ने तय किया है कि शहरी क्षेत्रों में आबादी वाले इलाकों और संस्थानों में लोगों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे (CCTV Camera) से निगरानी की जाए. यही कारण है कि अब इसको अनिवार्य करने के लिए सरकार पॉलिसी लाने की तैयारी में है।
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