जबलपुर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) जिले में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर करोड़ों रुपये (Crores of Rupees) का घटिया गेंहू (Bad Wheat) खरीदने का मामला सामने आया है. यह गेहूं एक वेयरहाउस (Warehouse) में स्टेक्स लगाकर रखा गया था. ताज्जुब की बात तो यह है कि जिस वेयरहाउस की जांच फूड कंट्रोलर ने चंद दिनों पहले ही की थी और डीएमओ ने भी उसे क्लीन चिट दे दी थी, उसी वेयरहाउस में हजारों क्विंटल सड़ा, घुन लगा और मिलावटी गेहूं मिला है.
कलेक्टर ने शुरुआती जांच के बाद तीन अधिकारियों को ससपेंड कर दिया है. चरगवां इलाके के राघव वेयरहाउस में रखा हजारों क्विंटल सड़ा, घुन लगा और मिलावटी गेहूं विधायक नीरज सिंह ने पकड़ा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने तत्काल ही वेयरहाउस को सील कर दिया है. प्राथमिक तौर पर लापरवाही बरतने के आरोप में 3 अधिकारियों को सस्पेंड करते हुए बाकी को नोटिस जारी किए जा रहे हैं.
अभी जांच की शुरुआत ही हुई है, पूरी होने तक कई और दोषियों पर गाज गिर सकती है. कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि मंगलवार (14 मई) को शहपुरा के राघव वेयरहाउस का आकस्मिक निरीक्षण बरगी विधायक नीरज सिंह और तहसीलदार रविंद्र पटेल द्वारा किया गया. निरीक्षण के दौरान पुराना, घुना हुआ और नान एफएक्यू गेहूं स्टैक्स लगाकर भंडारित किया जाना पाया गया.
यह गेहूं सूखा भरतपुर सहकारी समिति द्वारा कथित समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदा गया है. दस्तावेजों की जांच में पता चला कि कुल 212 किसानों से 25 हजार 800 क्विंटल की ख़रीदी दर्ज की गई. जिसमें से लगभग 20 हजार क्विंटल की स्वीकृति उपार्जन एजेंसी मार्कफेड द्वारा जारी की गई है. इस आधार पर कुल भुगतान राशि 6 करोड़ 19 लाख में से 4 करोड़ 56 लाख का भुगतान हो चुका है.
बताया जा रहा है कि इस वेयरहाउस का निरीक्षण कुछ दिन पहले ही फूड कंट्रोलर नदीमा शीरी द्वारा किया गया था. डीएमओ अर्पित तिवारी भी इसका निरीक्षण करके जा चुके थे.
प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक जां च में वेयरहाउस में कुल 13 स्टैक्स में से 2 स्टैक्स में अंदर की लेयर में पुराना, घुना हुआ और नॉन एफएक्यू गेहूं पाया गया है. अन्य स्टैक्स में भी ख़राब गेहूं भंडारित होने की आशंका है. चूंकि घटिया गेहूं को बहुत नीचे दबाकर रखा गया है, इसलिए इसकी जांच करने में मुश्किल आ रही है. माना जा रहा है कि यहां हजारों क्विंटल और घटिया गेहूं मिलेगा. कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि ख़रीदी घपले में समिति प्रबंधक राकेश नंदेसरिया, खरीदी केंद्र प्रभारी भूपेंद्र सिंह पटेल, अभिषेक दीक्षित वेयरहाउस संचालक, आपरेटर सृजल जैन, सर्वेयर प्रवीण रजक और शुभम शर्मा की संलिप्तता प्रथम दृष्टया पाई गई है.
जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना के मुताबिक, इनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी वह पूरी जांच के बाद तय होगा? फिलहाल वेयरहाउस को अंधेरा होने के कारण सील कर दिया गया है. आज बुधवार (15 मई) को फिर से जांच शुरू होगी. इसके अलावा अन्य वेयर हाउस की जांच भी की जाएगी.
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