भोपाल । कोरोना (Corona) की दूसरी लहर के बीच शिवराज सरकार (Shivraj government) ने अहम फैसला लिया है. मध्यप्रदेश सरकार अब कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) की उपलब्धता के लिए ग्लोबल टेंडर (Global tender) करेगी. यह निर्णय मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया. इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने स्वास्थ्य विभाग (health Department) को जल्दी से जल्दी टेंडर जारी करने के निर्देश दिए हैं,
मध्यप्रदेश से पहले दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब और कर्नाटक ग्लोबल टेंडर निकाल चुके हैं. हालांकि इससे पहले सीएम शिवराज ग्लोबल टेंडर के लिए तैयार नहीं थे लेकिन, लेकिन विशेषज्ञों ने सरकार को सलाह दी थी कि वैक्सीन के लिए अन्य राज्यों के साथ मिलकर ग्लोबल टेंडर प्रक्रिया में जाना चाहिए. 15 दिन असमंजस में रहने के बाद प्रदेश सरकार ग्लोबल टेंडर के लिए तैयार हुई है.
क्यों लिया गया यह फैसला
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कोवीशील्ड व कोवैक्सिन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी करने की वजह यह है कि अमेरिकी कंपनियां फाइजर और मॉडर्ना सीधे केंद्र सरकार को अपना टीका देंगी. फाइजर कंपनी का कहना है कि भारत में टीकाकरण अभियान का संचालन उनका अंदरूनी मामला है. हम इसमें राज्य सरकारों के साथ कोई लेनदेन नहीं करेंगे. कंपनी सीधे केंद्र सरकार को टीका देगी.
कहां आ रही समस्या
प्रदेश में 18 से 44 साल आयु वर्ग के लिए वैक्सीन की उपलब्धता बड़ी चुनौती बनती जा रही है. प्रदेश सरकार ने इस वर्ग के लिए मई के शुरुआत में ही 5.29 करोड़ (कोवीशील्ड के 4.76 करोड़ और कोवैक्सिन के 52. 25 लाख ) डोज का आर्डर दिया था, लेकिन वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है. हालांकि बताया गया है कि प्रदेश को 31 मई तक मात्र 5 लाख डोज मिलने की उम्मीद है. राज्य में भले ही कोरोना के केस कम हो रहे हैं, लेकिन संक्रमण से मौतों का आंकड़ा कम नहीं हो रहा. ऐसे में वैक्सीनेशन ही एक मात्र हथियार है.
क्या होता है ग्लोबल टेंडर
ग्लोबल टेंडर असल में दुनिया भर के देशों की कंपनियों के लिए जारी किया जाने वाला टेंडर होता है. ये तब जारी किया जाता है, जब खरीद की प्रक्रिया पारदर्शी हो और सबको मौका दिया जाए. इसके माध्यम से अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को आमंत्रित किया जाता है कि वे माल की सप्लाई के लिए बोली लगाएं, जिस कंपनी की बोली सबसे किफायती होती है, उसे आपूर्ति का ठेका दे दिया जाता है.
अभी लगाई जा रहीं ये वैक्सीन
कोरोना के खिलाफ जंग में मध्यप्रदेश में फिलहाल कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन लगाई जा रही है. अब तक एक करोड़ से ज्यादा डोज लगाए जा चुके हैं, हालांकि सरकार रूसी वैक्सीन स्पूतनिक के आयात की भी संभावना तलाश रही है. जून के महीने में ये वैक्सीन मध्य प्रदेश में आने की संभावना है.
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