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    MP: सागर पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल, हुआ भव्य स्वागत

  • November 22, 2021

    – सेना के पराक्रम की मिसाल और सर्वोच्च बलिदान को सागर वासियों ने दी सलामी

    सागर। भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस और शौर्य (The indomitable courage and valor of Indian soldiers) की परिचायक 1971 की अभूतपूर्व विजय हर भारतवासी को गौरवान्वित करती है। भारत-पाकिस्तान के 1971 के युद्ध की जीत (India-Pakistan War of 1971 Victory) की याद में 2021 का यह साल स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस विजय वर्ष के स्वागत में स्वर्णिम विजय मशाल रविवार को नासिक से सागर पहुंची। सागर पहुंचते ही स्वर्णिम विजय मशाल का भव्य एवं आत्मीय स्वागत किया गया।

    रविवार को मोतीनगर चौराहे के साथ शहर की सड़कों पर उपस्थित लोग और उनका जोश इस बात का सबूत है कि कैसे हर एक भारतीय 1971 की उस जीत को आज भी जीता आ रहा है। भारतीय सेना के पराक्रम और सैनिकों के द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान के प्रति अपार श्रद्धा रखता है। सागर पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल के स्वागत में बड़ी संख्या में आम नागरिक, जनप्रतिनिधि, आर्मी ऑफिसर्स, जिला एवं पुलिस प्रशासन मौजूद रहा। मोती नगर चौराहे पर विजय ज्योति का ससम्मान स्वागत किया गया साथ ही 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपने साहस का परिचय देने वाले योद्धाओं का सम्मान भी किया।


    रविवार को कैप्टन एपी सेपाहा एसआईजी, लेफ्टिनेंट कर्नल राम सिंह एमआर, मेजर एससी शर्मा गार्ड्स, कैप्टन कुन्दनलाल एमआर, सब मेजर पीएन सिंह एमआर, एनके देवकी नंदन कष्यप एसआईजी, एनके लखन सिंह एमआर, एसईपी द्वारका प्रसाद एमआर, एसईपी हरि प्रसाद पी सोनिया ईएमई, जीडीएसएम बजरंग सिंह गार्ड्स, कैप्टन यूपीएस भदौरिया (नेवी) और मेजर गजराज सिंह एएससी का सम्मान किया गया।

    स्वर्णिम विजय मशाल के साथ वीर योद्धाओं का सम्मान करने पहुंचे विधायक शैलेंद्र जैन ने इस गरिमामय अवसर पर कहा कि राष्ट्रप्रेम का अलख कभी बुझने न पाए। 1971 में भारतीय सेना द्वारा दिए गए अदम्य साहस और शौर्य के परिचय के प्रति हर भारतवासी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ. हरिसिंह गौर और महाकवि पद्माकर की नगरी सागर में स्वर्णिम विजय मशाल का भव्य और आत्मीय स्वागत किया जा रहा है। यहां का हर नागरिक उनके बलिदान के प्रति कृतघ्न है।

    उन्होंने कहा कि जिस गर्मजोशी के साथ इस स्वर्णिम विजय मशाल का स्वागत किया गया वह इस बात का प्रतीक है कि सागरवासी 1971 में लहराई गई विजय पताका और युद्ध में सैनिकों के बलिदान के प्रति अपार श्रद्धा रखते हैं। उन्होंने इस अवसर पर कवि कुमार विश्वास की पंक्तियों को याद करते हुए दोहराया…

    “दौलत ना अता करना मौला, शोहरत ना अता करना मौला

    बस इतना अता करना चाहे जन्नत ना अता करना मौला

    शम्मा-ए-वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा हो

    होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो,

    होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो….“

    इस अवसर पर कलेक्टर दीपक आर्य ने स्वर्णिम विजय मशाल का स्वागत करते हुए कहा कि, आज हम सभी सुरक्षित हैं क्योंकि सीमा पर जवान तैनात हैं। उन्होंने कहा कि आज इस विजय ज्योति का सागर आगमन हम सभी के लिए गौरव का क्षण है। यह हमें अवसर देता है कि हम 1971 में हुए ऐतिहासिक युद्ध के बारे में और जानें। उन्होंने भारतीय सेना के योद्धाओं के बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि समस्त सागर वासी इस स्वर्णिम विजय मशाल का पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत करें। उन्होंने बताया कि इस उपलक्ष्य में 24 नवंबर को अटल पार्क में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, सभी जिले वासियों इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लें।

    1971 की लड़ाई लड़ने वाले सागर महार रेजीमेंट के रिटायर्ड कर्नल राम सिंह ने कहा कि यह युद्ध न केवल भारतीय सेना के पराक्रम को दर्शाती है बल्कि एक नए राष्ट्र के निर्माण की भी प्रतीक है। भारतीय सेना के अदम्य साहस ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के करीब 93 हज़ार सैनिकों को झुकने पर मजबूर कर दिया था। आज संपूर्ण भारतवर्ष उस ऐतिहासिक जीत की स्वर्ण जयंती मना रहा है।

    सागर में आठ दिनों तक रहेगी स्वर्णिम विजय मशाल
    रविवार को पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल 28 नवंबर तक आठ दिन सागर में रहेगी। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें स्कूली छात्र छात्राओं, नौजवानों को भी जोड़ा जाएगा और 1971 की ऐतिहासिक जीत की स्वर्ण जयंती को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।

    पुष्पांजलि अर्पित कर अमर शहीदों को किया याद
    स्वर्णिम विजय वर्ष के अवसर पर सागर महार रेजिमेंट सेंटर स्थित वॉर मेमोरियल में अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 1971 के अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर याद किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी व्यक्तियों द्वारा मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।

    महार रेजिमेंट के वॉर मेमोरियल में अमर शहीदों को कलेक्टर दीपक आर्य सहित ब्रिगेडियर नवनीत जरियाल, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल राम सिंह, सेवानिवृत्त मेजर एससी शर्मा, कर्नल उमंग चौधरी, ग्रुप कैप्टन ओआईसी जिला सैनिक बोर्ड, सेवानिवृत्त मेजर गजराज सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल के सन्याल, मेजर करण सिंह, वीणू राणा सहित अन्य आर्मी अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आर्मी बैंड ने देशभक्ति गीतों की धुनों से समा बांधा। (एजेंसी, हि.स.)

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