भोपाल। मासूम बच्चों की किडनैपनिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बड़े शहरों से लेकर गांवों तक इसका असर दिखाई देने लगा है। मानव अंगों की तस्करी, जबरिया भिक्षावृत्ति और बंधुआ मजदूरी के हालात में इन बच्चों को धकेला जा रहा है। बच्चों की किडनैपिंग के अधिकांश मामलों के पीछे सड़कों, गलियों, मोहल्लों में भीख मांगने वाले गिरोह की भूमिका परिलक्षित हुई है। इन हालात को देखते हुए अब एक नई मुहिम ने आकार लिया है, कैशलैस भीख। नई शुरुआत से उम्मीद की जा रही है कि इस तरह भिखमंगों की तादाद घटेगी। इससे बच्चों के किडनैपिंग मामलों के कम होने की भी उम्मीद की जा रही है।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स ने इस अभियान की शुरुआत महाराष्ट्र से की थी। जो फैलते हुए अन्य प्रदेशों के साथ मप्र में भी तेजी से जोर पकड़ने लगी है। नगर निगम के फायर ऑफिसर रहे साजिद खान ने भोपाल में इस मुहिम को आगे बढ़ाया है। इसके तहत जागरूकता फैलाई जा रही है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर भेजे जा रहे पेंपलेट्स में कैशलैस भीख को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। इस पेंपलेट में भिक्षुओं को भीख के रूप में नगद राशि के बजाए तैयार खाना या खाद्य सामग्री दिए जाने की अपील की जा रही है।
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