भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel) ने कहा कि जीवन में सफलता (means to success) पाने के लिए साधन नहीं, सोच का होना जरूरी (need to think) है। शारीरिक अभावों अथवा कमजोरियों को यदि प्रेरणा बना लिया जाए तो दिव्यांगता व्यक्तित्व विकास में सहयोगी हो जाती है। आवश्यकता इस विश्वास की है कि दिव्यांगजन किसी से कम नहीं हैं, उन्हें जरूरत मार्ग-दर्शन, सहयोग और समर्थन की है।
उन्होंने आह्वान किया कि दिव्यांगजन की कमजोरियों को नहीं, उनकी प्रतिभा को पहचानें और उसे निखारने, उनकी ऊर्जा को नई दिशा देने में समाज सहयोगी बने। हर किसी की जिम्मेदारी है कि जहाँ कहीं भी, जो कुछ भी काम वे करते हैं, उसे करते हुए, अपने दिव्यांग भाई-बहनों की समस्याओं को समझ कर संवेदनशीलता के साथ सहयोगी हो।
राज्यपाल पटेल शनिवार शाम को भोपाल पीपुल्स विश्वविद्यालय के सभागार में डेफ केन फाउंडेशन द्वारा आयोजित 5वें डेफ फेस्टिवल 2022 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह में मूक-बधिर दिव्यांग प्रतिभाओं एआईएससीडी नई दिल्ली की डायरेक्टर सोनू आनंद को डीसीएफ लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड 2022, डायरेक्टर डेफ कत्थक डांस परफॉर्मेंस जबलपुर अंकित सेन को डीसीएफ बेस्ट डांस अवार्ड 2022 और केरल के कोट्टायम की साराह सनी को डीसीएफ बेस्ट इंडियास फर्स्ट एडवोकेट अवार्ड 2022 से सम्मानित किया। राज्यपाल ने दिव्यांगजन द्वारा तैयार सामग्री की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर मूक-बधिर दिव्यांगजन उनके अभिभावक मौजूद थे।
राज्यपाल ने कहा कि दिव्यांगजन को सक्षम बनाने और अन्य लोगों के समान महसूस कराने में समाज का दृष्टिकोण और भूमिका निर्णायक है। उन्होंने टी.वी. कार्यक्रम में गायन कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दिव्यांग बच्चे का जिक्र करते हुए कहा कि शारीरिक कमजोरियों से प्रभावित व्यक्तियों को समान अवसर तथा प्रभावी पुनर्वास की सुविधा मिले तो वह बेहतर गुणवत्तापूर्ण जीवन व्यतीत कर सकते हैं। उन्होंने दिव्यांगजन द्वारा दिव्यांग भाई-बहनों के पुनर्वास की सराहना करते हुए डेफ फेस्टिवल के सफल आयोजन के लिए संस्था को बधाई दी।
कार्यक्रम में संस्थान के सलाहकार शरद दीक्षित ने बताया कि मूक-बधिर दिव्यांगजन की प्राथमिक शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालयीन शिक्षा के संबंध में प्रस्ताव शासन को प्रस्तुत किया है। संस्थान की महासचिव प्रीति सोनी ने सांकेतिक भाषा में राज्यपाल के आगमन से होने वाली प्रसन्नता को अभिव्यक्त किया। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा दिव्यांगजन पुनर्वास प्रयासों में गणित और इंग्लिश जैसे विषयों का शिक्षण और व्यक्तित्व विकास के प्रशिक्षण कार्यक्रम किए जाते हैं। संस्था दिव्यांग बच्चों की प्राथमिक शिक्षा के लिए विद्यालय खोलने का प्रयास कर रही हैं।
नेशनल एसोसिएशन ऑफ द डेफ नई दिल्ली के अध्यक्ष एएस नारायणन ने सांकेतिक भाषा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में दिव्यांगजन के लिए किए गए प्रयासों पर विचार व्यक्त किए। मध्यांचल डेफ एसोसिएशन के अध्यक्ष साजू स्टीफन ने सांकेतिक भाषा में सांकेतिक भाषा दिवस मनाए जाने की आवश्यकता बताई। (एजेंसी, हि.स.)
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