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    MP : खाद्य निर्माता को डायरेक्ट सेल करने के लिए लेना होगा अलग से लाइसेंस

  • August 06, 2024

    • एफएसएसएआई ने बनाई डायरेक्ट सेलर्स के लिए नई कैटेगरी
    • अब तक ऐसे व्यापारियों को दी गई थी लाइसेंस-रजिस्ट्रेशन से छूट

    इंदौर। खाने-पीने की चीजों का निर्माण (Food manufacturers) और विक्रय (sales) करने वाले व्यापारियों और निर्माताओं (traders and manufacturers) को अब अपना माल सीधे बेचने के लिए अलग से लाइसेंस (License) लेना होगा। अब तक ऐसे व्यापारियों को विक्रय के लिए अलग से फूड लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन से छूट दी गई थी, इसे लेकर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथोरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने हाल ही में ऐसे डायरेक्ट सेलर्स के लिए नई कैटेगरी बनाई है।



    एफएसएसएआई द्वारा 2019 में ऐसे निर्माता जो अपने खाद्य उत्पादों का सीधे विक्रय करते हैं, उन्हें विक्रय के लिए अलग से लाइसेंस लेने से छूट दी गई थी। इसमें शर्त रखी गई थी कि उनके पास निर्माण का नियमानुसार लाइसेंस होना चाहिए और विक्रय से जुड़े सभी नियमों का पालन भी उनकी जिम्मेदारी होना चाहिए। औद्योगिक संगठनों और खाद्य विशेषज्ञों द्वारा एफएसएसएआई को इस संबंध में लंबे समय से ऐसे व्यापारियों के लिए अलग से कैटेगरी बनाए जाने की मांग की जा रही थी, क्योंकि ऐसे विक्रेताओं और आम खुदरा विक्रेताओं में अंतर करना मुश्किल था। इसे देखते हुए एफएसएसएआई ने हाल ही में नया आदेश जारी करते हुए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के लिए नई कैटेगरी बनाई है। अब ऐसे विक्रेताओं को इस केटेगरी में लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन लेना होगा और पहले जो छूट दी जा रही थी, अब वे उसका लाभ नहीं ले पाएंगे।

    टर्नओवर के हिसाब से लेना होगा रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस
    मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया कि एफएसएसएआई द्वारा जारी आदेश में नई डायरेक्ट सेलर्स की नई कैटेगरी बनाए जाने के साथ ही टर्नओवर के आधार पर रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस अनिवार्य किया गया है। इसके तहत 12 लाख तक सालाना टर्नओवर वाले विक्रेताओं को रजिस्ट्रेशन, 12 लाख से ज्यादा और 20 करोड़ से कम सालाना टर्नओवर पर स्टेट लाइसेंस और 20 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर पर सेंट्रल लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।

    खाद्य उत्पादों की कैटेगरी भी तय की
    स्वामी ने बताया कि डायरेक्ट सेलर्स की नई कैटेगरी बनाने के साथ ही इन्हें किस फूड आइटम के लिए लिया जा सकता है वह भी आदेश में स्पष्ट किया गया है। इसके तहत डेयरी प्रोडक्ट, बेकरी प्रोडक्ट, फेट एंड आइल, नमक, मसाले, सॉस, सूप, सलाद और प्रोटीन प्रोडक्ट, ब्रेवरेज, रेडी टू इट प्रोडक्ट, तैयार खाद्य सामग्री और इंडियन स्वीट्स के साथ नमकीन जैसे खाद्य उत्पादों को इसमें शामिल किया गया है, वहीं खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को सामान्य विक्रेताओं की तरह इनकी भी जांच के आदेश दिए गए हैं।

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