भोपाल (Bhopal)। भोपाल (Bhopal) के सतपुड़ा भवन में आग (Satpura building fire cases) लगने के मामले में जांच टीम ने अपनी चार्जशीट दाखिल ( filed charge sheet) कर दी है। जांच टीम (investigation team) ने बताया कि इस घटना के पीछे कोई साजिश नहीं (no plot) थी। टीम ने बताया कि आग शॉर्ट-सर्किट (short circuit) के कारण लगी थी। जांच का हिस्सा रही टीम में तीन सदस्य थे इसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य सदस्यों को शामिल किया गया था।
सतपुड़ा भवन आग मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा द्वारा सोमवार को सरकार को सौंपे गए 287 पेज में कहा गया है कि इस तरह की आग को रोकने के लिए कोई अर्थिंग सिस्टम नहीं है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि आग से 24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आग आदिवासी विकास विभाग के निदेशक के कार्यालय में शॉर्ट सर्किट और एसी के टॉप बॉटम पावर प्लग के ढीले तारों के कारण लगी। उस कार्यालय से एकत्र किए गए सभी नमूनों में जहां आग लगी थी, कोई ज्वलनशील पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन (flammable petroleum hydrocarbons) नहीं पाया गया। किसी साजिश का पता लगाने के लिए फोरेंसिक टीम ने कमरे में मौजूद तीन लोगों की कॉल डिटेल भी जांची, लेकिन कुछ भी नहीं मिला। समिति को किसी भी व्यक्ति की संदिग्ध संलिप्तता नहीं मिली है।
रिपोर्ट के बारे में बात करते हुए एक अधिकारी ने बताया कि समिति ने सरकारी भवनों में आग से सुरक्षा के मानकों की समीक्षा करने और पर्याप्त सुरक्षा प्रणाली स्थापित करने के लिए अलग से फायर सेफ्टी सिस्टम बनाने की भी सिफारिश की है। समिति ने सरकार से मध्य प्रदेश फायर सेफ्टी एक्ट लागू करने को भी कहा।
आग में खोई फाइलों पर कोई टिप्पणी नहीं
जांच टीम ने सतपुड़ा भवन मामले में किसी भी तरह की साजिश होने से इनकार किया है। इस घटना का कारण टीम ने शॉर्ट-सर्किट को बताया है। हालांकि, इस हादसे के दौरान आग में खोई हुई फाइलों पर टीम ने कोई टिप्पणी नहीं की है।
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