उज्जैन। उज्जैन पुलिस (Ujjain Police) ने अदालत के निर्देश (Court instructions.) पर हिंदू संत शांति स्वरूपानंद महाराज (Saint Shanti Swaroopanand Maharaj), भाजपा नेता (BJP leader) और दो अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। उज्जैन शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नितेश भार्गव ने यह जानकारी दी। इस घटनाक्रम के बाद स्वरूपानंद महाराज से महामंडलेश्वर (मुख्य पुजारी) के पद से इस्तीफा देने की मांग उठने लगी है।
उज्जैन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नितेश भार्गव ने बताया कि निरंजनी अखाड़ा (उज्जैन) के महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद महाराज, भाजपा नेता अशोक प्रजापति, महावीर प्रसाद मानसिंहका और ओमप्रकाश अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा-420 (धोखाधड़ी) और 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
महाकाल थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि अपनी शिकायत में सोहिल पटेल ने कहा कि उपनियमों के अनुसार, परमानंद महाराज उज्जैन के अखंड आश्रम न्यास के आजीवन अध्यक्ष हैं, लेकिन स्वरूपानंद महाराज ने खुद को ट्रस्ट का अध्यक्ष बताया और 2022 में उनके साथ यात्री निवास को तीन लाख रुपये प्रतिमाह किराए पर देने और शुद्ध लाभ में 50 फीसदी हिस्सेदारी का समझौता किया था।
बाद में शांति स्वरूपानंद और प्रजापति समेत अन्य आरोपियों से जब संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसको लेकर सोहिल पटेल ने प्रशासन से फरियाद लगाई है। अब इसी शिकायत के आधार पर शांति स्वरूपानंद महाराज भाजपा नेता अशोक प्रजापति, महावीर प्रसाद मानसिंहका और ओमप्रकाश अग्रवाल के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है।
इस बीच, अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने मध्यप्रदेश सरकार को लिखे पत्र में स्वरूपानंद महाराज से महामंडलेश्वर (मुख्य पुजारी) के पद से इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष से शांति स्वरूपानंद के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आग्रह किया क्योंकि दोनों ही निरंजनी अखाड़े से ताल्लुक रखते हैं।
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