बिलासपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह (Damoh) में स्थित मिशन अस्पताल में खुद को ब्रिटिश डॉक्टर एन जोन केम (British doctor Ann Joan Kemm) बताने वाला शख्स पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। पुलिस ने उसे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj, Uttar Pradesh) से गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इस फर्जी डॉक्टर ने मिशन अस्पताल में कई लोगों की हार्ट सर्जरी की जिनमें से बाद में सात लोगों की मौत हो गई। इस फर्जी डॉक्टर का असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव (Narendra Vikramaditya Yadav) बताया जा रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी सोमवार को स्वास्थ्य विभाग को कथित फर्जी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इस बीच इस मामले के तार छत्तीसगढ़ से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि जिस फर्जी डॉक्टर को लेकर मध्य प्रदेश में हंगामा मचा हुआ है,ये वही शख्स है जिसने साल 2006 में छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला की सर्जरी की थी और इसके बाद उनकी भी मौत हो गई। ये मामला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल का था जहां नरेंद्र विक्रमादित्य यादव नौकरी करता था। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के बेटे ने आरोप लगाया है कि 2006 में विक्रमादित्य यादव उर्फ जॉन केम ने उनके पिताजी का भी ऑपरेशन किया था। हालांकि शाम होते-होते उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटक पर डाल दिया गया। 18 दिनों तक वेंटिलेटर पर उन्हें रखने के बाद सेमी आईसीयू में लाया गया और वहीं उनकी सांसे थम गईं। जानकारी के मुताबिक इस मामले को लेकर अब छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य विभाग भी सक्रिय हो गया है।
पुलिस के मुताबिक, आंध्र प्रदेश मेडिकल काउंसिल की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेषन में ‘डॉ. कैम’ का नाम नहीं दिखने के बाद मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया कि डॉक्टर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 315 (4) (बेईमानी से गबन), 338 (जालसाजी), 336 (3) (धोखाधड़ी के इरादे से दस्तावेजों या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को बनाना या बदलना), 340 (2) (जाली दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड) और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
वहीं सीएम मोहन यादव ने कहा, हमें घटना की जानकारी है। हमारी सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है और लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में है। मैंने स्वास्थ्य विभाग को अन्य स्थानों पर भी ऐसी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। विपक्ष ने दावा किया था कि फर्जी डॉक्टर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ा हुआ है, जिसके बाद मुख्यमंत्री का यह बयान आया है।
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