भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections 2023) की तारीख के ऐलान के बाद सरकारी अधिकारी-कर्मचारी अब चुनाव ड्यूटी से बचने की कोशिश में जुटे हैं। भोपाल कलेक्टर (Bhopal Collector) द्वारा सभी अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश पर रोक (Ban on leave of officers and employees) लगाने के बाद 250 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों ने चुनावी ड्यूटी रद्द कराने (canceling election duty) के लिए आवेदन दिए हैं। ड्यूटी रद्द कराने के लिए किसी ने बीमारी तो किसी ने कहा कि, साहब साली की शादी (sister-in-law’s wedding) की वजह बताई है। 200 सौ से अधिक आवेदन चुनावी ड्यूटी कैंसिल करवाने के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय भोपाल में ही अब तक 200 से अधिक आवेदन खा चुके हैं। इनमें से अधिकांश आवेदन में बीमारी का कारण बताता ड्यूटी रद्द करने की गुहार लगाई गई है। ऐसे ही और भी अनेक आवेदन हैं।
डिप्टी कलेक्टर खान के पास पहुंचे एक कर्मचारी ने कहा, रिजर्व दल में उसकी ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन जहां वह नौकरी करता है। वहां प्रधानमंत्री मिशन से जुड़े काम होते हैं। जिस पर अधिकारी ने कहा कि आचार संहिता के दौरान मिशन से जुड़े कोई काम नहीं होते, इसलिए जिस समय ड्यूटी पर बुलाएं आ जाना, अभी अपना आवेदन वापस लेकर जाओ।
वहीं, एक अधिकारी ने चुनावी ड्यूटी ड्यूटी रद्द कराने एडीएम अंकिता धाकरे से कहा कि चुनावी तारीख में उनकी साली की शादी है और उसमें जाना जरुरी है। धाकरे ने कहा कि शादी छोड़ दीजिए और चुनावी ड्यूटी कीजिए। यह सुनकर अधिकारी रुआसे हो गए और बोले की शादी में नहीं गया तो घर में क्लेश बढ़ जाएगा, जीना मुश्किल हो जाएगा। उनकी हालत देखकर एडीएम भी पसीज गईं और अधिकारी को अपना आवेदन लेकर डिप्टी कलेक्टर के पास जमा करने के लिए भेज दिया।
बता दें कि शासकीय कर्मचारी की चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है लेकिन आप बीमारी का बहाना बनाकर इससे बचने का प्रयास कर रहे हैं तो सतर्क हो जाइए क्योंकि चुनाव आयोग ऐसे अधिकारी कर्मचारी की बीमारी की जांच डॉक्टर से करवाएगा। रिपोर्ट्स सही पाए जाने पर ही बीमार कर्मचारी अधिकारी को चुनाव में ड्यूटी करने से मुक्ति मिलेगी। दरअसल, मध्यप्रदेश में इन दिनों विधानसभा चुनाव का मौसम है। ऐसे में प्रदेश के अलग अलग विभाग के कर्मचारी अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी में तैनात किया जा रहा है। ऐसे में ड्यूटी कैंसिल करवाने के लिए सैकड़ों आवेदन जिला निर्वाचन ऑफिस में पहुंच रहे हैं।
चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए कई अधिकारी कर्मचारी नए नए कारण बताते हैं। इनमें से एक आम कारण है बीमारी। आमतौर पर आयोग इसे स्वीकार कर ड्यूटी कैंसिल भी कर देता है लेकिन इस बार आयोग ने इस पर सख्ती दिखाई है। आयोग बीमारी का कारण बताकर ड्यूटी से नाम कटवाने वाले अधिकारी कर्मचारियों की जांच रिपोर्ट्स को किसी डॉक्टर से रिव्यू करवाने के मूड में है। ताकि हकीकत का पता लगाया जा सके। इसके बाद डॉक्टर की रिव्यू पॉइंट्स पर ही छुट्टी दी जाएगी।
एक कर्मचारी ने हॉट की प्रॉब्लम बता कर ड्यूटी कैंसिल किए जाने की गुहार लगाई है उसका कहना है कि उसे सीने में दर्द बना रहता है। वहीं एक अधिकारी ने ये कहते हुए चुनाव ड्यूटी करने में असमर्थता जताई है कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है। उन्हे चलने फिरने में दिक्कत है। कभी भी बीपी बढ़ जाता है। ऐसे में चुनाव के दौरान उनकी तबियत बिगड़ सकती है।
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