भोपाल। मध्यप्रदेश में बिजली की दरों में 0.63 फीसदी का इजाफा कर दिया गया है, लेकिन प्रति यूनिट लगने वाले फ्यूल कास्ट में करने की वजह से बढ़ी हुई दरों का उपभोक्ताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
दरअसल, मप्र विद्युत नियामक आयोग ने बुधवार को बिजली की दरों का नया टैरिफ जारी किया है। इसमें बिजली की दर में 0.63 फीसदी की वृद्धि की गई है, जबकि प्रति यूनिट लगने वाले फ्यूल कास्ट में 20 पैसे की कमी की गई है। नया टैरिफ आठ जुलाई से लागू होगा।
जानकारी के मुताबिक, विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा बिजली दरों में 6.23 फीसदी की वृद्धि की मांग की गई थी। बिजली कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2629 करोड़ रुपये का घाटा बताया था, लेकिन आयोग ने सुनवाई के बाद 264 करोड़ रुपये के घाटे को मान्य किया। विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली की दरों में 0.63 फीसदी वृद्धि करते हुए नया टैरिफ जारी किया।
हालांकि, नये टैरिफ में प्रति यूनिट लगने वाले फ्यूल कास्ट की दर में 20 पैसे की कमी भी की गई है। इसका सबसे ज्यादा फायदा मध्यम और निम्नवर्गीय उपभोक्ताओं को होगा। कम खपत वाले उपभोक्ताओं को औसतन 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली शुल्क जमा करना होता है, नए टैरिफ में बढ़ोत्तरी मिलाकर यह दर 6.54 रुपये प्रति यूनिट हो जाएगी। इसमें फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट (एफसीए) की राशि घटाने पर उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली 6.36 रुपये की दर पर मिलेगी।
इस संबंध में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि इतिहास में यह पहला अवसर है, जब बिजली की दरें कम हुई हैं। यह हमारे सुशासन का परिणाम है। बिजली कंपनियों में सुधार का काम जारी है। आने वाले समय में और भी बेहतर परिणाम सामने आएंगे। (एजेंसी, हि.स.)
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