नई दिल्ली (New Dehli)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)के उज्जैन जिले में विधान सभा चुनाव (assembly elections)के नामांकन वापसी (nomination withdrawal)की आखरी तारीख का समय निकल(Out) चुका है। उज्जैन जिले की सात विधान सभा सीट पर 84 प्रत्याशी मैदान में हैं। तराना विधानसभा से कांग्रेस नेता मुकेश परमार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के कहने पर अपना नामांकन वापस ले लिया है। कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार के पक्ष में कार्य करने की बात कही है। मुकेश परमार जनपद चुनाव जीते थे और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में समन्वय थे। उनके चुनाव लड़ने से कांग्रेस को यह सीट गवानी पड़ सकती थी। लेकिन आखरी समय पर सुरजेवाला ने उन्हें मना लिया और यंहा कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा। कांग्रेस ने यहां से 2018 में विधानसभा चुनाव लड़े महेश परमार को मैदान में उतारा है तो भाजपा ने ताराचंद गोयल जो पूर्व में भाजपा से चुनाव लड़ चुके हैं उन्हें मैदान में उतारा है यह सीट अभी कांग्रेस के पास है।
उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा नाम वापसी के बाद त्रिकोणीय हो गई है। यहां पर कांग्रेस के प्रत्याशी बने राजेंद्र सोलंकी का टिकट कटने के बाद वह निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। इस विधानसभा में रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है यहां से भाजपा ने जितेंद्र पंड्या और कांग्रेस ने राजेंद्र सोलंकी का टिकट काटकर विधायक मुरली मोरवाल को टिकट दिया है। यह विधानसभा निर्दलीय राजेंद्र सोलंकी के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को बाहरी नुकसान होने की संभावना दिख रही है राजेंद्र सोलंकी के साथ करणी सेना के साथ भाजपा और कांग्रेस के कई समर्थकों का सहयोग मिल रहा है।
इस विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के साथ निर्दलीय होने से विधानसभा रोचक हो गई है लेकिन यहां राजेंद्र सोलंकी के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस विधानसभा में भाजपा ने अपना डैमेज कंट्रोल कवर जार लिया है यंहा से बीजेपी के पूर्व विधायक शांतिलाल धवई और श्याम विश्नवानी ने नाम वापस लेने के बाद बीजेपी का संकट खत्म होता नजर आ रहा है।
इसी तरह उज्जैन जिले की विधानसभा महिदपुर में भाजपा के मुश्किलें बढ़ती जा रही है।नाम वापसी के बाद महिदपुर के कद्दावर भाजपा नेता प्रताप सिंह आर्य मैदान में डटे हुए हैं। भाजपा यंहा डेमेज कंट्रोल नहीं कर पाई, यहाँ भाजपा के प्रताप सिंह आर्य चुनाव लड़ रहे है। जो की बहादुर सिंह चौहान के लिए मुसीबत बनेगे। यह विधानसभा सीट अभी बीजेपी के पास है और बहादुर सिंह चौहान यहां से विधायक हैं बीजेपी ने काफी विरोध के बाद भी बहादुर सिंह चौहान को मैदान में उतरा है।गुरुवार को नाम वापसी के अंतिम दिन कांग्रेस से मधु जैन बोस कांग्रेस प्रत्याशी की पत्नी, अनिल आंचलिया निर्दलीय, यूनुस परवेज निर्दलीय, श्याम सिंह चौहान ने अपना अपना नाम वापस ले लिया।
उज्जैन जिले की नागदा खाचरोद विधानसभा में भाजपा के टिकट होने के बाद से ही विरोध स्वर उठे थे, लेकिन भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मोर्चा संभालते हुए काफी हद तक डैमेज कंट्रोल किया है। नागदा में भी बागी हुए बीजेपी के लोकेन्द्र मेहता आखिरकार नहीं माने और उन्होंने अपना नामांकन वापस नहीं लिया। जिससे सीधा फायदा कांग्रेस को मिलने वाला है।नागदा से आकाश शर्मा ने भी अपना नाम वापस लिया।
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