भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश में लोग इस दफा कांग्रेस को मौका देंगे या मामा यानी शिवराज सिंह (Shivraj Singh) का जादू एक बार फिर चलेगा. इस सवाल का जवाब 3 दिसंबर को मिल जाएगा. चुनावी समर में दोनों दल अपनी अपनी जीत के दावे के साथ मतदाताओं को लुभाने में जुटे हुए हैं.
दूसरी ओर विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटे मध्य प्रदेश में मंगलवार को नामांकन पत्र की स्क्रूटनी की गई. इस दौरान कई नामांकनों पर निर्वाचन आयोग की कैंची चली तो कई पत्रों पर लगी मुहर के बूते प्रत्याशियों को चुनावी दंगल में उतरने की हरी झंडी मिल गई है. स्क्रूटनी के बाद मोटे-मोटे तौर पर साफ हो गया है कि किस सीट पर कौन उम्मीदवार ताल ठोक रहा है. वहीं जिनका पर्चा रद्द हो गया है, उनके दिल में इसकी टीस जरूर होगी. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अभी भी चुनाव आयोग की तरफ ताक रहे हैं. दरअसल स्क्रूटनी के दौरान चुनाव आयोग ने तीन नामाकंन पर्चों को होल्ड कर दिया है.
नामांकन होल्ड किए जाने वाली लिस्ट में तीसरा नाम सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह का है. राहुल सिंह मंत्री हैं और खरगापुर से बीजेपी ने इन्हें फिर से प्रत्याशी बनाया है. दरअसल इनकी विधायकी सुप्रीम कोर्ट से सशर्त है और हाई कोर्ट इसे शून्य कर चुका था. इनके विरोधी ने आपत्ति जताई तो निर्वाचन आयोग ने इनका पर्चा भी होल्ड कर दिया. पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा का नाम इस सूची में शामिल है. पटवा भोजपुर से बीजेपी के उम्मीदवार हैं और उनपर आरोप लगा है कि उन्हेंने अपने आपराधिक प्रकरण छिपाए हैं. ऐसे में चुनाव आयोग ने उनका भी पर्चा होल्ड कर दिया है.
जिन उम्मीदवारों के पर्चे चुनाव आयोग ने होल्ड किए हैं, उनकी किस्मत का फैसला बुधवार को ही हो जाएगा. जानकारी के मुताबिक इन मामलों पर आज सुनवाई होगी और उसके बाद ही ये फैसला लिया जाएगा कि इनके नामांकन को रद्द करना है या चुनावी दंगल में उतरने के लिए इन्हें हरी झंडी देनी है. बता दें कि मध्य प्रदेश में नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मंगलवार को स्क्रूटनी की चुनावी रस्म पूरी की गई थी और अब अगले पड़ाव में उम्मीदवार 2 नवंबर पर नाम वापस ले सकते हैं. विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 17 नवंबर को होगा.
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