भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (MP Election 2023) की नर्मदापुरम सीट (Narmadapuram seat) पर राज्य का सबसे रोचक मुकाबला (most interesting match) हो रहा है. यहां बीजेपी और कांग्रेस (BJP and Congress) की सीट पर दो भाई ही आमने सामने (two brothers face to face) चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों भाइयों का कहना है कि ये चुनाव उनके लिए मजबूरी बन गया है. इसके लिए दोनो भाई दूसरी पार्टी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
दो भाइयों के बीच कड़ा मुकाबला
चार बार के विधायक रहे बीजेपी के प्रत्याशी सीताशरण शर्मा (Sitasharan Sharma) विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं. पिछला चुनाव उन्होंने पंद्रह हजार वोटों से जीता था, लेकिन इस बार उनका मुकाबला उनके बड़े भाई गिरिजाशंकर शर्मा से ही है। सीताशरण शर्मा मानते हैं कि ये मुकाबला नहीं होना चाहिए था, मगर ये मुकाबला विचारधारा का है।
बडे़ भाई ने बीजेपी को बताया जिम्मेदार
डॉ. सीताशरण शर्मा से मुकाबले के लिये कांग्रेस ने उनके भाई गिरिजाशंकर शर्मा (पूर्व बीजेपी विधायक) को उतारा है. गिरिजाशंकर भी मानते हैं कि ये आपस में चुनाव होना तो नहीं चाहिए था. उन्होंने कहा कि इसके लिये बीजेपी जिम्मेदार है, जो दोनों भाइयों को उतार दिया।
नर्मदा के किनारे बसी इस विधानसभा में ब्राह्मण वोटों का बाहुल्य है, इसलिए अधिकतर समय यहां पर ब्राह्मण विधायक ही रहे हैं. पिछले 25 सालों से यहां शर्मा परिवार के सदस्य ही विधायक बनते आ रहे हैं।
निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में
अमृतलाल बेगड़ लिखते हैं कि होशंगाबाद मे नर्मदा अपने शास्त्रीय रूप मे बहती है मगर नर्मदापुरम का ये नर्मदा का जल इन दिनों शांत नहीं है. यहां पर एक ही परिवार के लोग आपस में चुनाव लड़ रहे हैं तो जनता कह रही है दूसरों को मौका कब मिलेगा।
यहां निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में उतरे हैं. जानकार मानते हैं कि यहां मुकाबला कड़ा तो है, लेकिन सीताशरण शर्मा अपनी सक्रियता के कारण आगे निकल जाएंगे।
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