इंदौर: कहते हैं कि पितृपक्ष (Pitru Paksha) में कोई शुभ काम नहीं किया जाता. हिंदू धर्म (Hindu Religion) में तो विवाह से लेकर खरीददारी तक सारे काम पितृपक्ष के बाद ही किए जाते हैं. बीजेपी तो वैसे ही हमेशा सनातन धर्म की बात करती है. वो इस बात को मानती भी है. मगर इस बार बीजेपी (BJP) में सब कुछ बदला बदला नज़र आ रहा है. चुनाव (Election) की तारीखों (Dates) से पहले सूची आ रही है. केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतारा जा रहा है तो पितृपक्ष में भी सूची जारी कर दी गई है.
मध्य प्रदेश में 2003 से लेकर 2018 तक के उम्मीदवारों की सूची को खंगाला गया तो पता चला कि कांग्रेस या बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने पहले कभी पितृपक्ष में उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं. साल 2018 में भी कांग्रेस हो या बीजेपी, दोनों की ही सूची पितृपक्ष ख़त्म होने के बाद ही सामने आई थी. बीजेपी ने 57 उम्मीदवारों की सूची पितृपक्ष के दौरान की है. इस लिस्ट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित 24 मंत्रियों के नाम हैं.
BJP पितृपक्ष में नहीं करती कोई शुभ काम!
आम तौर पर बीजेपी ने कभी भी कोई शुभ काम पितृपक्ष में नहीं किया है. ताज़ा उदाहरण देखें तो नई संसद में कार्यकाल भी गणेश चतुर्थी के दिन शुरू किया गया. बीजेपी के बड़े नेता इस बात का ज़िक्र भी अपनी सभाओं में करते हैं. मगर इस बार तो शिवराज सरकार ने एक ही दिन में 53 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन एक ही दिन में कर दिया. इसे लेकर बीजेपी के पास कोई खास जवाब भी नहीं था. यहां तक कि महाकाल कॉरिडोर दो का उद्घाटन भी हो गया.
पितृपक्ष के बाद आएगी कांग्रेस की लिस्ट!
बड़ी बात यह है कि कांग्रेस ने अब तक अपने उम्मीदवारों को कोई लिस्ट जारी नहीं की है. हालांकि कहा जा रहा है कि कांग्रेस की सूची तैयार है. लेकिन पितृपक्ष के कारण जारी नहीं हो रही है. जैसे ही पितृपक्ष ख़त्म होंगे और नवरात्रि का पर्व शुरू होगा, कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर देगी. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि हम तो इस बात में भरोसा रखते हैं कि पितृपक्ष में कोई शुभ काम नहीं होता.
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