भोपाल। मध्य प्रदेश के चुनावों (Madhya Pradesh elections) की रणभेरी बजने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्रीय नेताओं (central leaders) को विधानसभा चुनावों का टिकट देकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। वह 2018 के चुनावों के नतीजों से सबक लेते हुए कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती। उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में भाजपा ने नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गनसिंह कुलस्ते के तौर पर तीन केंद्रीय मंत्रियों को टिकट दिया। इसके अलावा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी विधानसभा चुनावों में उतारा है। इसे देखते हुए चौथी सूची को लेकर भी अटकलें लग रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गृह नगर के बजाय कर्मस्थली विदिशा से चुनाव लड़ाया जा सकता है। इसी तरह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी विधानसभा चुनावों के अखाड़े में उतारा जा सकता है।
भाजपा ने अब तक तीन सूची जारी की है। पहली और दूसरी सूची में 39-39 उम्मीदवार शामिल रहे और तीसरी सूची में एक उम्मीदवार का नाम आया। कुल 79 उम्मीदवारों के नाम सामने आए हैं। भाजपा ने दूसरी सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में 30 सितंबर को दिल्ली में होने वाली भाजपा की बड़ी बैठक में कुछ बड़े फैसले हो सकते हैं। इसमें शेष सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा होगी।
अक्टूबर के पहले हफ्ते में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मध्य प्रदेश दौरा प्रस्तावित है। उनके लौटने के बाद चौथी सूची सामने आ सकती है। पार्टी शिवराज सिंह चौहान समेत कुछ और सांसदों को विधानसभा चुनावों में उतार सकती है। दूसरी सूची में मुख्यमंत्री पद के तगड़े दावेदारों के तौर पर प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय के नाम शामिल रहे हैं। इसके अलावा आदिवासी चेहरे के तौर पर फग्गनसिंह कुलस्ते को भी नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सीहोर के बजाय विदिशा से चुनाव लड़ाने की तैयारी बताई जा रही है। दूसरी लिस्ट के बाद अटकलों का बाजार गरमा गया था कि अब शिवराज केंद्र की राजनीति में जाएंगे और उनके बेटे कार्तिकेय को पार्टी उनकी सीट बुधनी विधानसभा से चुनाव लड़ाएगी। हालांकि, अब शिवराज को उनकी संसदीय सीट रहे विदिशा से विधानसभा चुनाव लड़ाने की चर्चा है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी विधानसभा चुनाव लड़ाने पर विचार किया जा रहा है। पार्टी उन्हें ग्वालियर पूर्व या शिवपुरी से चुनाव लड़ा सकती है। शिवपुरी से राज्य की खेल एवं युवक कल्याण मामलों की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया विधायक हैं। वह ज्योतिरादित्य की बुआ है। यदि ज्योतिरादित्य को शिवपुरी से चुनाव लड़ाया जाता है तो निश्चित तौर पर यशोधरा को केंद्रीय राजनीति में एडजस्ट किया जाएगा। हालांकि, कुछ राजनीतिक पंडितों का कहना है कि सिंधिया को टिकट दिया गया तो उनका रुतबा बढ़ेगा और प्रदेश की राजनीति में गुटबाजी बढ़ सकती है।
गुना से सांसद केपी यादव और झाबुआ-रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर को विधानसभा मैदान में उतारा जा सकता है। इससे पहले भाजपा ने तोमर, पटेल, कुलस्ते के साथ-साथ जबलपुर के सांसद राकेश सिंह, सतना के सांसद गणेश सिंह, सीधी की सांसद रीति पाठक और नर्मदापुरम के सांसद उदय प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया है।
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